– कोविड-19 पाजीटिव मरीजों के इलाज का प्राइवेट नर्सिंग होम से भी हिसाब लिया जाए
– प्राइवेट नर्सिंग होम कोविड से होने वाली मौतों की तत्काल जानकारी दें, उन्हें छुपाए नहीं
– जिले में 17 मई से 21 स्थानों पर होगा 18 से 44 वर्ष के लोगों का वैक्सीनेशन, रजिस्ट्रेशन कराएं

झांसी। कोरोना कर्फ्यू 24 मई तक बढ़ाया गया है, इसमें किसी भी सूरत में ढिलाई ना बरतें। ग्रामीण क्षेत्र में शादियां व अन्य समारोह में कोविड प्रोटोकॉल सहित मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित किया जाए। ग्रामीण निगरानी समिति लोगों को जागरूक करें कि संक्रमित मृत देह नदी में ना बहाएं, उसका दाह संस्कार हो। ऐसे असहाय गरीब लोगों को ग्राम पंचायत सहयोग राशि देकर संस्कार कराना सुनिश्चित करें। अस्पतालों की साफ सफाई के साथ ही भोजन व्यवस्था, दवाओं की उपलब्धता, बेड के सापेक्ष मरीज व उन्हें ऑक्सीजन गैस की आपूर्ति, क्षेत्र में सैनिटाइजेशन, एन्टीजन टेस्टिंग, कांटेक्ट ट्रेसिंग सहित अन्य बिंदुओं की गहन समीक्षा कोविड-19 से बचाव एवं व्यवस्था संबंधी कार्यों हेतु शासन द्वारा जनपद में नामित वरिष्ठ नोडल अधिकारी/मंडलायुक्त श्री सुभाष चंद्र शर्मा ने विकास भवन सभागार में की और अब तक किए गए कार्यों का संतोष व्यक्त किये।
वरिष्ठ नोडल अधिकारी /मंडलायुक्त ने जनपद में कोविड-19 से निपटने के लिए किए जा रहे कार्यों एवं ब्लैक फगंस के मरीजों व उनके इलाज में दी जा रही दवाओं की जानकारी लेते हुए कहा कि जो दवाएं आवश्यक हों बताएं, उनकी उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने समीक्षा के दौरान नर्सिंग होम द्वारा मरीजों से इलाज हेतु अधिक पैसा लेने की बात कही और निर्देश दिए कि अधिक पैसा लेने वाले नर्सिंग होम पर कार्रवाई की जाए। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र की निगरानी समितियों को आरआर टी का भी काम करने का सुझाव दिया ताकि सही समय पर संक्रमित की सूचना प्राप्त की जा सके।
उन्होंने कहा कि मेडिकल कालेज के कोविड-19 वार्ड में नोडल अधिकारी स्वयं पीपी किट पहनकर मरीजों को प्राप्त होने वाली सुविधाओं की जानकारी लें, उन्हें प्राप्त होने वाला भोजन, सफाई व्यवस्था, वेंटीलेटर काम कर रहा अथवा नहीं, डॉक्टर समय से आते हैं या नहीं, इसकी जानकारी लें, ताकि कोई कमी हो तो उसे दूर किया जा सके। समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि प्राइवेट नर्सिंग होम में यदि इलाज के दौरान कोविड पाजीटिव की मौत होती है तो उसकी जानकारी तत्काल दें, छुपाएं नहीं। नोडल अधिकारी ने प्राइवेट नर्सिंग होम से भी हिसाब लिये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि यदि वह कोविड पाजिटिव मरीज का इलाज कर रहें है तो उसकी पूरी जानकारी लें।
जनपद में कोविड-19 से निपटने के लिए अब तक किए गए कार्य व किए जाने वाले कार्यों की जानकारी जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने देते हुए बताया कि निगरानी समितियों द्वारा लगभग दो लाख घरों के सापेक्ष 75 हजार घरों का सर्वे करते हुए 3800 की टेस्टिंग की जा चुकी है। हर गांव में प्रतिदिन 10 लोगों की जांच की जानी है, ग्रामीण क्षेत्र में एक हजार एंटीजन टेस्टिंग प्रतिदिन का लक्ष्य निर्धारित है। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीज जिसकी उम्र 50 वर्ष से अधिक है उसे होम आइसोलेशन के स्थान पर अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है, ताकि प्रॉपर इलाज करते हुए उसे बचाया जा सके।
जिलाधिकारी ने बताया कि जिला अस्पताल, सीएचसी बड़ागांव, बरुआसागर, चिरगांव तथा रानीपुर में जल्द ही पीएसए स्थापित होने जा रहा है, सभी तैयारियां कर ली गई है। पीएसए की स्थापना से ऑक्सीजन की उपलब्धता निरंतर बनी रहेगी। उन्होंने समस्त सरकारी अस्पतालों में बैड के सापेक्ष मरीजों की जानकारी देते हुए बताया कि सभी अस्पताल में ऑक्सीजन गैस के साथ सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। जनपद में 177 आरआरटी संचालित है जिसमें 167 ग्रामीण क्षेत्र तथा 50 नगर निगम में जो दो पालियों में क्रियाशील है, सभी को मेडिकल किट दी जा चुकी है जिसे मरीज को उपलब्ध कराया जा रहा है। जिलाधिकारी ने प्राइवेट नर्सिंग होम द्वारा मरीज से अधिक पैसा वसूलने पर कहा कि यदि मरीज द्वारा शिकायत की जाएगी तो नर्सिंग होम के खिलाफ अवश्य कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि सभी नर्सिंग होम में शासन द्वारा इलाज की निर्धारित दरों की सूची चस्पा की गई है।
बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहन पी कनय ने बताया कि कोरोना गाइडलाइन का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है। लगभग 01 करोड़ 16 लाख का चालान मास्क ना लगाने वालों से वसूला गया है। रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने वाले गैंग को पकड़ा गया है। सभी मजिस्टेट के साथ फोर्स लगाया गया ताकि हॉस्पिटल में तीमारदारों द्वारा मारपीट को रोका जा सके। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र में भी कोविड गाइड लाइन के पालन की जानकारी दी। इस मौके पर सीडीओ श्री शैलेष कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।