झांसी। श्रीरामजानकी मंदिर मेहंदी बाग में आयोजित सप्त दिवसीय श्रीमद भागवत कथा के अंतिम दिन कथावाचक महंत मदन मोहनदास महाराज ने सुदामा चरित्र के साथ ही श्रीकृष्ण के 16108 विवाहों की कथा का वर्णन किया।

महंत मदन मोहनदास महाराज ने सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि सुदामा की पत्नी ने सुदामा को भगवान श्री कृष्ण के पास जाने का आग्रह किया। सुदामा ने संकोच भरे स्वर में अपनी पत्नी को कहा कि श्री कृष्ण एक पराक्रमी राजा हैं और मैं गरीब ब्राह्मण हूं मैं कैसे उनके पास जाकर सहायता मांग सकता हूं। सुदामा की पत्नी ने उत्तर दिया क्या हुआ मित्रता में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होता। सुदामा श्री कृष्ण के पास जाने को राजी हो गए उसकी पत्नी पड़ोसियों से थोड़े थोड़े चावल मांग कर लेकर आई एवं सुदामा को वह चावल अपने मित्र को भेंट करने को कहा। सुदामा महल के बाहर ही खड़े होकर भगवान श्री कृष्ण की प्रतीक्षा करने लगे भगवान श्री कृष्ण सुदामा के पास पहुंचे एवं भगवान श्री कृष्ण सुदामा के मिलन का सुंदर चित्रण प्रस्तुत किया। वहीं कथावाचक मोहनदास महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण के 16108 विवाहों का सुन्दर वर्णन किया, जिस पर सभी भक्तगण भाव विभोर हो गये। समापन के अवसर पर विशाल भण्डारे का आयोजन किया गया, जिसमे हजारों की संख्या में उमड़े भक्तों कल जनसैलाब ने भोजन प्रसादी प्राप्त कर पुण्य लाभ प्राप्त किया। इस अवसर पर कथा पारिक्षित पुष्पलता गौरीशंकर द्विवेदी, नंदकिशोर श्याम मकरादिया , बालमुकुंद तिवारी, अनूप, अनिल, विजय सोनी, प्रवीण, ऊषा नायक, उर्वसी भट्ट, सुशील शर्मा, बीएस तोमर, राष्ट्रभक्त संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष अंचल अरजरिया, महंत प्रेम नारायण दास काकाजी महाराज अनिल सुखदेव वाधवानी, रामप्रकाश तिवारी, मयंक तिवारी, सर्वेश पटेल, प्रदीप श्रीवास्तव, आरके दुबे, अखिलेश तिवारी, कम्मू, मनीष, वेद प्रकाश तिवारी सहित विभिन्न मंदिरों के पुजारीगण व सैकड़ों भक्तगण उपस्थित रहे।