अनगिनत वीरों की कुर्बानियां से मिली आजादी के मूल्यों को पहचानें, देश की एकता, अखंडता को अक्षुण्य बनाए रखें- डॉ० संदीप

झांसी। स्वतंत्रता दिवस के पूर्व दिवस पर संघर्ष सेवा समिति के तत्वाधान में विशाल तिरंगा यात्रा निकाली गई। तिरंगा यात्रा सुबह 10:00 बजे एस एम टावर झोकन बाग से प्रारंभ होकर सैयर गेट, मिनर्वा चौराहा, रानी महल, गंज, बड़ा बाजार से सिंधी तिराहा होते हुए शहर कोतवाली के बगल में स्थित पत्रकार भवन पर स्वतंत्रता सेनानी सीताराम आजाद की मूर्ति पर माल्यार्पण पश्चात समाप्त हुई। इस तिरंगा यात्रा में जनपद के कई गणमान्य नागरिक एवं जनप्रतिनिधियों के साथ स्कूली बच्चों सहित लगभग 1500 की संख्या में लोग उपस्थित रहे।

यात्रा में सबसे आगे आर्य कन्या महाविद्यालय से एनसीसी की छात्राओं ने लेफ्टिनेंट शारदा सिंह के निर्देशन में अनुशासित रूप से तिरंगा यात्रा की अगुवाई की, उसके पीछे सैकड़ों की संख्या में जनपद और आसपास के आदिवासी समाज के महिला पुरुष व बच्चे हाथों में तिरंगा ध्वज लिए चल रहे थे इसके पश्चात विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने विशाल तिरंगा थामे हुए यात्रा की शोभा बढ़ाई। यात्रा में सबसे पीछे डॉ० संदीप सरावगी और सैकड़ों की संख्या में संघर्ष सेवा समिति के सदस्य गण ध्वज लहराते हुए भारत माता के जयकारे और हिंदुस्तान जिंदाबाद के गगनचुंबी नारों का उद्घोष करते हुए आगे बढ़ रहे थे।

यात्रा में भारत माता, रानी लक्ष्मीबाई और अन्य सेनानियों का रूप लिए कई बच्चे बच्चियां घोड़े एवं बग्घियों पर सवार होकर यात्रा की शोभा बढ़ा रहे थे। यात्रा मार्ग पर जगह-जगह शीतल पेयजल, पुष्प वर्षा और जलपान की भी व्यवस्था की गई थी। इस यात्रा का विशेष आकर्षण 100 मी० का तिरंगा रहा जिसे जवाहर पब्लिक इंटर कॉलेज व मैस्कॉट मॉडर्न स्कूल के सैकड़ों छात्र-छात्राएं लेकर चल रहे थे। डीजे की धुन पर संघर्ष सेवा समिति के कार्यकर्ता एवं यात्रा में सम्मिलित लोग थिरकते हुए दिखाई दिए।

इस अवसर पर डॉ० संदीप सरावगी ने कहा यह यात्रा केवल ध्वज प्रदर्शन नहीं, बल्कि देशभक्ति, एकता और बलिदान का प्रतीक है। हमारा तिरंगा मात्र कपड़े का टुकड़ा नहीं, यह हमारे पूर्वजों के संघर्ष, बलिदान और सपनों का जीता-जागता प्रमाण है। तिरंगा यात्रा का उद्देश्य केवल ध्वज लेकर चलना नहीं है, बल्कि लोगों में देश के प्रति प्रेम जगाना, भाईचारे को बढ़ावा देना और यह याद दिलाना है कि आज़ादी हमें यूँ ही नहीं मिली। इसके लिए अनगिनत वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दी। आज जब हम तिरंगे को ऊँचा उठाकर सड़कों पर निकलते हैं, तो यह केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि एक संदेश है—हम एक हैं, अटूट हैं, और सदैव देश की सेवा में तत्पर हैं। देश को आजादी लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानी से मिली है हमें इसके मूल्यों को पहचानना चाहिए जिस तरह संविधान हमें मौलिक अधिकार देता है उसी तरह कुछ मौलिक कर्तव्य भी हैं जिन्हें निभाना देश के हर नागरिक का फर्ज है उसी में से एक है राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रीय पर्व जिनका सम्मान करना सर्वोपरि है। हमें अपने देश की धरोहरों का सम्मान करना चाहिए और जहां भी देश के लिए कुछ कर गुजरने की बात हो तो पीछे नहीं हटना चाहिए। देखा जाए तो हमारे देश का सबसे बड़ा त्यौहार स्वतंत्रा दिवस ही है जिसमें प्रत्येक भारतीय धर्म, जाति, लिंग के भेदभाव को भूलकर हर्षोल्लास के साथ इस पर्व में सम्मिलित होता है क्योंकि जहां बात देश की होती है वहां सारे भेदभाव समाप्त हो जाते हैं। यात्रा को सफल बनाने में हिंदू जागरण मंच, बजरंग दल सहित कई संगठनों का अभूतपूर्व योगदान रहा।