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साइबर ठगी से डिप्रेशन में विवाहिता ने मौत को गले लगाया

झांसी। वह रोजगार के लिए सोशल मीडिया पर एक नामी पेंसिल कंपनी का विज्ञापन देख कर साइबर जालसाजों का शिकार बन गयी और उधार लिए लगभग 35 हजार रुपए गंवा दिए। जब उसे ठगी का पता चला तो डिप्रेशन में चली गई और वेतवा नदी में छलांग लगा कर जान दे दी। चार दिन बाद उसका शव बरामद हुआ।

दरअसल, जिले के बरुआसागर के मिलान मोहल्ला निवासी ढाबा संचालक शेर सिंह की पत्नी भावना रोजगार की तलाश में थी। पिछले महीने सोशल मीडिया पर उसे एक नामी पेंसिल कंपनी का विज्ञापन दिखा, इसमें पैकिंग करने पर पैसे देने की बात कही गई थी। उसमें दिए नंबर पर फोन किया तो उसे रोजगार उपलब्ध कराने का वायदा कर जालसाज ने रजिस्ट्रेशन समेत माल भेजने के एवज में सिक्योरिटी रकम के तौर पर 35 हजार रुपये जमा कराने को कहा।

जालसाज ने वायदा किया कि कुछ समय में पूरी रकम वापस कर देगा। पैकिंग के काम से हर महीने 35-40 हजार रुपये कमा सकेगी। उसके झांसे में भावना आ गई। उसने अपने पास रुपए न होने पर अपने जीजा एवं भाई से वांछित रकम लेकर 24 अक्तूबर को जालसाज को भेज दी। इसके बाद 26 अक्तूबर तक जवाब न आने पर भावना ने फोन किया तो जालसाज उससे दस हजार रुपये फिर जमा करने को कहने लगा। भावना ने पैसा जमा करने से मना कर दिया। वह अपना पैसा वापस मांगने लगी। जालसाज ने गाली गलौज करते हुए अपना फोन स्विच ऑफ कर लिया।

पति का कहना है इसके बाद से भावना गुमसुम रहने लगी। 28 अक्तूबर को पूजा करने के बहाने भावना हाथ में जल से भरा लोटा लेकर निकली थी। काफी देर तक उसके न लौटने पर तलाश शुरू की। सीसीटीवी कैमरे में वह बस स्टॉप के पास दिखी। उसे मायके में भी तलाशा लेकिन, उसका पता नहीं चला। वह मोबाइल भी घर पर छोड़कर गई थी। लापता होने पर बरुआसागर थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पुलिस भी उसे तलाश रही थी।उसके 14 माह का इकलौता बेटा है। वह भी अपनी मां को ही तलाशता रहा।

शनिवार सुबह चार दिन बाद उसका शव वेतवा नदी से बरामद हुआ। उसका शव मिलने से परिवार में कोहराम मच गया। परिजनों का कहना है कुछ दिनों पहले साइबर जालसाजों के हाथ भावना करीब 35 हजार रुपये गवां चुकी थी। यह रकम उसने उधार लेकर दी थी। ठगी होने से वह डिप्रेशन में चली गई। परिजनों ने इसी वजह से उसके आत्महत्या करने का अंदेशा जाहिर किया है।