रचनात्मक लेखन पर सीधा संवाद किया
झांसी। बुन्देलखण्ड कॉलेज में यातायात माह के अन्तर्गत अरविन्द त्रिवेदी (संभागीय परिवहन अधिकारी, प्रशासनिक) तथा राकेश वर्मा (संभागीय परिवहन अधिकारी, प्रवर्तन) ने यातायात नियमों की जागरूकता के सन्दर्भ में अपनी बात रखी तथा विद्यार्थियों को शपथ दिलायी।
कार्यक्रम के अगले चरण में स्वामी विवेकानन्द सभागार में ‘‘रचनात्मक लेखन’’ पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी के मुख्य अतिथि उप-आयुक्त संभागीय परिवहन के.डी. सिंह रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य प्रो. एस.के. राय ने की। गौरतलब है कि के.डी. सिंह एक प्रशासनिक अधिकारी होने के साथ-साथ हिन्दी साहित्य के मूर्धन्य साहित्यकार हैं। उन्होंने लगभग 15 साहित्यिक कृतियों की रचना की है। जिनमें शेष अगले पृष्ठ, हाशिये पर, कंधे, अगला पृष्ठ, दुनिया से आश्ना, तिरहार, अलकनंदा, सड़क सुरक्षा एक समाज वैज्ञानिक अध्ययन, अनहोनी होवे नहीं होनी होय सो होय आदि हैं।
मुख्य अतिथि ने विद्यार्थियों से रचनात्मक लेखन पर सीधा संवाद किया। श्री के.डी. सिंह ने विद्यार्थियों में रचनात्मक लेखन के विविध सूत्रों को बहुत ही रोचक तथा सरस ढ़ंग से समझाया। उन्होंने रचनात्मक लेखन के लिये अवलोकन, संवेदना, अनुभूति, अभिव्यक्ति तथा भाषा शैली के विकास सम्बंधी बिन्दुओं पर विस्तृत प्रकाश डाला।
छात्रों द्वारा संवाद के साथ दूसरे प्रश्नोत्तर सत्र में रचनात्मक लेखन से संबंधित विभिन्न शंकाओं का समाधान बहुत ही विद्धत तथा समालोचनात्मक ढंग से किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. एस.के. राय ने बाँदा में जन्में के.डी. सिंह की साहित्यिक समझ तथा छात्रों के रचनात्मक लेखन के विकास में उनके द्वारा दिये गये व्याख्यान की भूरि-भूरि प्रशंसा की और भविष्य में पुनः महाविद्यालय में बच्चों के साहित्यिक व शैक्षिक विकास के लिये उन्हें आमंत्रित किया।
कार्यक्रम का आभार विभागाध्यक्ष प्रो. नवेन्द्र सिंह द्वारा किया गया तथा संचालन डॉ. शिव प्रकाश त्रिपाठी द्वारा किया गया। कार्यक्रम में प्रो. जितेन्द्र कुमार तिवारी, प्रो. नूतन अग्रवाल, प्रो. उमारतन यादव, प्रो. एल.सी. साहू, प्रो. स्मिता जायसवाल, प्रो. मंजरी दमेले, प्रो. नीलम सिंह, डॉ. श्याम मोहन पटेल, डॉ. वंदना कुशवाहा, डॉ. नरेन्द्र गुप्ता, डॉ. उमेश चन्द्र यादव, आदि शिक्षक साथी उपस्थित रहे।














