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झांसी। अपर सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या 2 कमल कांत श्रीवास्तव की अदालत ने सात वर्ष पूर्व पत्नी और रिश्तेदार पर धारदार हथियार से हमला कर घायल कर देने का दोष सिद्ध होने पर अभियुक्त पति/पिता को दस वर्ष का कारावास और दस हजार रुपए अर्थदंड से दंडित करने का फैसला सुनाया है।

अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता एडीजीसी तेजसिंह गौर और देवेंद्र पांचाल ने बताया कि मऊरानीपुर निवासी रामपाल ने मऊरानीपुर थाने में 11 मई 2017 को रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया था कि उसकी बहन की शादी दस वर्ष पूर्व उल्दन के पचवारा निवासी दिग्विजय नारायण के साथ हुई थी। शादी के कुछ समय बाद बहन और दिग्विजय में मुकदमे बाजी चली। कुछ समय बाद राजीनामा हो जाने के बाद दोनों साथ रहने लगे थे। उसका एक आठ वर्षीय भांजा विशाल भी उनके साथ रहता था। रामपाल ने बताया कि कुछ समय बाद दिग्विजय ने लड़ाई झगड़ा कर उसकी बहन ओर भांजे को घर से निकाल दिया था। जिस पर वह दोनों रामपाल के घर ही रह रहे थे। घटना वाले दिन दिग्विजय का फोन आया कि वह उसकी बहन को लेने आ रहा है। तुम बरुआमाफ रोड पर मिल जाना। इस पर रामपाल अपने भाई गोविंद दास के साथ बरुआमाफ रोड पर पहुंचा तो वहां दिग्विजय ने धारदार हथियार से उसकी बहन और भांजे विशाल की गर्दन पर हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया।

पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार करते हुए न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था। आज न्यायालय ने सुनवाई के बाद आरोपी दिग्विजय पर प्राण घातक हमले का आरोप सिद्ध होने पर उसे दस वर्ष का कारावास और दस हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया है।