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एक एक लाख रुपए अर्थदंड का आदेश

झांसी। विशेष न्यायाधीश पोस्को एक्ट मोहम्मद नेयाज अहमद अंसारी की अदालत ने पांच वर्ष पूर्व नाबालिग को छेड़खानी करने और उलाहना देने पर उसे आत्महत्या के लिए विवश करने का दोष सिद्ध होने पर अभियुक्त पिता – पुत्र को बीस बीस वर्ष का कठोर कारावास और एक – एक लाख रुपए अर्थदंड से दंडित करने का आदेश सुनाया है।

अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे विशेष शासकीय अधिवक्ता विजय सिंह कुशवाह ने बताया कि एक व्यक्ति ने थाना एरच में 6 नवंबर 2020 को रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया था कि उसकी 16 वर्षीय नाबालिग पुत्री स्कूल आते जाते समय रास्ते में कृष्ण नगर निवासी आकाश छेड़खानी करता था। इसकी शिकायत उसके पिता कमल से की गई तो उसने गाली गलौच कर भगा दिया। रिपोर्ट कर्ता का आरोप था कि घटना वाले दिन उसकी पुत्री शाम करीब चार बजे टीचर के पास होमवर्क लेकर अपने घर लौट रही थी तभी रास्ते में आकाश ने उसका हाथ पकड़ कर अश्लील हरकते की। यह घटना उसकी पुत्री ने घर आकर बताई। जिस पर उसने आकाश के पिता को बुलाया। आकाश का पिता कमल सिंह ओर उसका भाई अमर सिंह घर आए और गाली गलौच करते हुए जान से मारने की धमकी देते हुए पुत्री के बारे में अश्लील शब्द कहे और कहा कि तुम्हारी लड़की मर क्यों नहीं जाती हमेशा के लिए झंझट खत्म हो जाएगा और अगर नहीं मर रही तो हम हत्या कर देंगे। इसके प्रताड़ित होकर उसकी पुत्री ने कमरे में जाकर चूहा मारने वाली दवा खाकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस को मृतिका के पास से एक सुसाइट नोट भी मिला था। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया था। इधर बरामद सुसाइट नोट को फोरेंसिक लैब भेजा गया। जहां मृतिका की हस्ताक्षर का मिलान होने पर पॉजिटिव रिपोर्ट आई।

अभियोजन की ओर से मृतिका का सुसाइट नोट अभियुक्तों को सजा दिलाने में अहम मददगार साबित हुआ। आज न्यायालय ने सुनवाई के बाद दोनों आरोपी पिता पुत्र कमल सिंह ओर अमर सिंह को दोष सिद्ध होने पर बीस बीस साल की जेल और एक एक लाख रुपए अर्थदंड से दंडित करने का फैसला सुनाया।