झांसी।अपर सत्र न्यायाधीश, कक्ष संख्या 2 विजय कुमार वर्मा प्रथम की अदालत में विचाराधीन हत्या के मामले में नौ अभियुक्तों को दस दस वर्ष के सश्रम कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया गया।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता देवेन्द्र पांचाल के अनुसार वादी मुकदमा दशरथ ने ३१ अगस्त २०२० को तहरीर देते हुए बताया था कि सुबह वह अपने खेत से लौट रहा था, तभी पहले से घात लगाये बैठे गांव के ही कमलापत , देवेन्द्र पुत्रगण दीनदयाल , खिप्पू पुत्र महेश , दीपू पुत्र लाखन सिंह , महेश , दिनेश पुत्रगण देवकी अहिरवार ने मिलकर रास्ते में लाठी- डण्डों से मारपीट की एवं जान से मारने की धमकी देते हुए भाग गये। दशरथ की तहरीर पर धारा १४७, ३२३,५०६ भा०द०सं० के तहत थाना लहचूरा पर कमलापत, देवेन्द्र, खिप्पू, दीपू, महेश एवं दिनेश के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया था।
एडीजीसी श्री पांचाल ने बताया कि घायल दशरथ के कहने पर उसके भाई ने थाना लहचूरा पर एक प्रार्थनापत्र दिया था, जिसमें दशरथ ने उसे जो बताया था, वही उसके भाई ने लिखा था। तभी दशरथ का बोलना बंद हो गया था। हल्की सी बेहोशी आई,फिर वहां से दशरथ को इलाज के लिये सी०एच०सी० मऊरानीपुर ले जाया गया था। वहां दशरथ की हालत गम्भीर होने के कारण झांसी रेफर कर दिया था। रास्ते में झांसी लाते वक्त दशरथ को होश आया था तो दशरथ ने अपने भाई पूरन को तीन नाम और दीनदयाल, प्रमोद व मनोज के बताये थे कि घटना में यह लोग भी शामिल थे। नाम बताने के तुरन्त बाद दशरथ की मृत्यु रास्ते में ही हो गई। विवेचना के दौरान अभियुक्तगण प्रमोद, मनोज एवं दीन दयाल का नाम प्रकाश में आने पर आरोप पत्र धारा १४७,१४८, ३२३, ५०६, ३०२/ ३४ भा०द०सं० के तहत न्यायालय में प्रस्तुत किया गया ।
जहां प्रस्तुत साक्ष्यों एवं गवाहों के आधार पर दोषसिद्ध अभियुक्तगण कमलापत उर्फ कमलाकांत, देवेन्द्र लोधी, खिप्पू उर्फ पुष्पेन्द्र कुमार,दीपू उर्फ दृगपाल, महेश अहिरवार, दिनेश, प्रमोद कुमार, मनोज कुमार एवं दीन दयाल उर्फ दीने भगत को धारा- ३०४ के खण्ड दिव्तीय भा०दं०सं० के आरोप हेतु प्रत्येक अभियुक्त को१०- १० वर्ष के सश्रम कारावास एवं २०-२० हजार रूपये अर्थदण्ड, अर्थदण्ड का भुगतान न किये जाने पर
प्रत्येक अभियुक्त १- १ वर्ष के अतिरिक्त कारावास ,धारा १४७ भा०दं०सं० में प्रत्येक अभियुक्त को ०२-०२ वर्ष के सश्रम कारावास एवं २-२, हजार रूपये अर्थदण्ड , अर्थदण्ड का भुगतान न किये जाने पर प्रत्येक अभियुक्त
१- १ माह का अतिरिक्त कारावास , धारा १४८ भादं०सं० में प्रत्येक अभियुक्त को ०३-०३ वर्ष के सश्रम कारावास ३-३ हजार रूपये अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड अदा न किये जाने पर प्रत्येक अभियुक्त २-२ माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।अर्थदण्ड की कुल धनराशि में से ५० प्रतिशत धनराशि मृतक के वारिसान को प्रतिकर के रूप में प्रदान की जायेगी।