झांसी । चिन्मय मिशन झांसी के हनुमान चालीसा ज्ञान यज्ञ के चतुर्थ दिवस पर प्रवचनकर्ता ब्रह्मचारी राघवेंद्र चैतन्य ने बताया कि भोग से आसक्ति वाला व्यक्ति कभी समर्पण नहीं करता क्योंकि उसे भय है। भय उसे सदैव रहता है जिस व्यक्ति से पाप घटित हुआ है। हनुमान जी के नाम लेने पर कोई भी भय नहीं लगता और उनकी तरह कार्य करने से रोग ओर दुख नष्ट होते है। हनुमान जी का मानसिक जप निरंतर करने से संकट आने पर हनुमान जी जागृत हो रक्षा करते है। राम नाम ही सुख है। हनुमान जी सदैव राम रसायन यानि राम नाम जप अमृत प्राप्त करते है और हनुमान जी के भजन प्रभु राम को पाने का जरिया है।

उन्होंने बताया कि भगवान राम ने अंगद की जगह हनुमान जी को ही सीता माता को लाने हेतु मुद्रिका सौंपी क्योंकि निर्मल बुद्धि है हनुमान जी और उनकी सामर्थ इतनी है कि सूर्य देव को मधुर ज्ञान फल की तरह पाने हेतु एक छलांग में पहुंच गए। अनन्यता ही भक्ति का एकमात्र तरीका है। यदि अन्य किसी में श्रद्धा नहीं बनी तो हनुमान जी को ही अपना इष्ट बना ले तो सारे संकट दूर होंगे।

ज्ञान यज्ञ के चतुर्थ दिवस के प्रारंभ में दीप प्रज्वलन संत अखंड आश्रम ट्रस्टी एवं पूर्व महाप्रबंधक भेल इ0 प्रदीप अरोरा, राम कुमार गुप्ता एड, रमेश अग्रवाल सर्राफ, इंजी0 जगदीश कटारे, संयोजक श्री आर पी गुप्ता और संगठन सचिव मुकेश गुप्ता द्वारा किया गया। इस ज्ञान यज्ञ में देवेंद्र गुप्ता, एस के मिश्रा, प्रतिमा मिश्रा, एस एन टण्डन, केदार पहारिया, अश्वनी श्रीवस्तव, आशीष श्रीवास्तव, नूपुर श्रीवास्तव, मेघना गुप्ता, प्रीति पटवर्धन, शोभा विश्वकर्मा ,आर पी शर्मा ,सुधीर मिश्रा, अशोक अग्रवाल( रेलवे), श्याम सुंदर अग्रवाल , आर सी गुप्ता, एच इन मोर, आर बी गुप्ता, सतीश गुप्ता एस पी श्रीवास्तव, ए एस चौहान, राजेन्द्र पटवारी, मिथलेश , एस के शर्मा, निर्मला शर्मा ,इंजी पी एन सोनी, आनंद यादव एड, कुसुम गुप्ता, वीरेंद्र गुप्ता, राम श्री गया, प्रदीप बिल्लटिया, रेखा उपाध्याय, रागिनी गुप्ता, एस एन गुप्ता ,एम एल सिरौठिया, शीला गुप्ता, विनय गुप्ता ,कृष्णा सक्सेना, आदि अनेक साधक उपस्थित रहे। आज के प्रसाद वितरण का सौभाग्य श्रीमती चंदा अरोड़ा को प्राप्त हुआ। सचिव मुकेश गुप्ता ने बताया ने ज्ञान यज्ञ का समापन कल रविवार को होगा। आज लगभग दो सौ साधकों ने ज्ञान अमृत का लाभ लिया।