- चार हत्यारोपी हत्थे चढ़े, मृतक की गाड़ी, मोबाइल फोन के अंश, कागजात, पर्स बरामद
झांसी। प्रेमनगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत 16 वर्षीय किशोर विशाल अहिरवार के सनसनीखेज हत्याकाण्ड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस ने हत्याकाण्ड में शामिल चार आरोपियों को दबोच कर विशाल की मोटरसाइकिल, मोबाइल फोन, पर्स, कागजात बरामद कर लिए। हत्या का कारण मृतक की मोटरसाइकिल को बेच कर आर्थिक तंगी को दूर करना बताया गया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डी प्रदीप कुमार के निर्देशन में पुलिस अधीक्षक नगर राहुल श्रीवास्तव व सहायक पुलिस अधीक्षक/क्षेत्राधिकारी सदर केवी अशोक के नेतृत्व में अपराध व अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के क्रम में आज मुखबिर की सूचना पर प्रेमनगर पुलिस व एसओजी के हाथ विशाल अहिरवार हत्याकाण्ड में शामिल चार आरोपी लग गए। प्रेमनगर थाने में विशाल अहिरवार हत्याकांड का खुलासा करते हुए सहायक पुलिस अधीक्षक/क्षेत्राधिकारी सदर केवी अशोक ने बताया कि बिजौली में रहने वाले विक्रम अहिरवार के 16 वर्षीय पुत्र विशाल अहिरवार की लाश रेलवे एसी लोको शेड के पास झाडिय़ों में पड़ी मिली थी। विशाल की पत्थर से कुचलकर हत्या की गई थी। विशाल की मोटरसाइकिल तथा मोबाइल फोन आदि गायब थे। परिजनों ने जानकारी दी थी कि विशाल घटना वाले दिन कोचिंग से घर लौटा था और घर आते ही उसके मोबाइल पर एक फोन आया जिसके बाद वह दोस्त से मिलकर आने की कह कर घर से निकल गया। इसके बाद वह वापस नहीं लौटा और उसकी लाश अगले दिन एसी लोको शेड के पास से निकली रेलवे क्रासिंग के निकट झाडिय़ों में पड़ी मिली थी। इस अंधे कत्ल का खुलासा करने के लिए पुलिस छानबीन कर रही थी तभी मुखबिर की सूचना पर वनदेवी मंदिर के पास घेराबंदी कर मृतक विशाल के दोस्त विवेक अहिरवार निवासी अंजनी माता मन्दिर बिजौली तथा उसके तीन साथी जितेंद्र अहिरवार व हरेंद्र अहिरवार निवासी चमरुआ बबीना, सुमित अहिरवार निवासी बैदोरा बबीना को धर दबोचा। आरोपियों से हत्या में प्रयुक्त मोटरसाइकिल व उनकी निशानदेही पर रेलवे कालोनी में छिपा कर रखी विशाल की मोटरसाइकिल क्रमांक यूपी 93 ई बी-3653 एवं घटना स्थल के निकट पत्थर के नीचे से गाड़ी के कागजात, पर्स, आधार कार्ड तथा इलाहाबाद बैंक चौराह के निकट आशीर्वाद गार्डन के पास से विशाल का क्षतिग्रस्त मोबाइल फोन भी बरामद किया गया।
उन्होंने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने हत्या काण्ड का खुलासा कर दिया। इसके अनुसार मृतक विशाल की दोस्ती अभियुक्त विवेक अहिरवार से थी। विशाल खाते-पीते परिवार का छोटा लड़का था जो कि पाकेट मनी के तौर पर रुपए अपने पास रखता था। अभियुक्त विवेक और उसका कथित बहनोयी हरेन्द्र अहिरवार अपने शौक व जरूरतों को पूरा करने के लिए रुपयों की सख्त आवश्यकता थी। विवेक ने हरेन्द्र को बताया कि विशाल के परिवार वाले काफी सम्पन्न हैं और उससे रुपए मिल सकते हैं। इसको इसकी मोटरसाइकिल के साथ धोखे से लेकर चलेेंगे और उसके रुपए तथा गाड़ी को लेकर चले जाएंगे। अगर विशाल ने विरोध किया तो उसको मार देंगे। किसी को इसकी भनक नहीं लगेगी और मोटरसाइकिल बेच कर रुपए बांट लेंगे। इसके लिए उन्होंने अपने दोस्त सुमित व जितेन्द्र उर्फ काली के साथ मिल योजना बनायी। विवेक ने विशाल को मोटरसाइकिल सहित घटना के दिन पार्टी करने के बहाने घर से बुलाया। विवेक व हरेन्द्र बिजौली से विशाल को लेकर हंसारी के रास्ते हाट के मैदान में आए वहां पहले से योजना के अनुसार सुमित व जितेन्द्र मौजूद मिले। इस दौरान विशाल से फोन पर उसकी मां ने सम्पर्क किया तो उसने बताया कि वह अपने दोस्त विवेक व हरेन्द्र आदि के साथ है, थोड़ी देर में घर लौट आएगा। इसके बाद विवेक व हरेन्द्र ने हाट के मैदान शराब व खाने का सामान खरीदा और सभी दो मोटरसाइकिलों से एसी लोको शेड के पास सूनसान स्थान पर पहुंच गए। वहां सभी ने मिल कर शराब पी। इस दौरान जानबूझ कर विशाल को हैवी पैक बना कर पिला दिया। जब वह नशे में आ गया तो चारों ने उसकी मोटरसाइकिल व रुपए लेने का प्रयास किया तो विशाल उनसे भिड़ गया। इस दौरान गाली-गलौज होने पर चारों ने विशाल को दबोच कर पटक कर वहां पड़े पत्थर से सिर कुचल कर विशाल की हत्या कर दी। शव को झाडिय़ों में छिपा कर चारों विशाल की गाड़ी के कागजात, पर्स आधार कार्ड को थोड़ी दूर पर एक बड़े पत्थर के नीचे छिपा दिए। विशाल की मोटरसाइकिल व मोबाइल फोन लेकर रफूचक्कर हो गए। पकड़े जाने के डर से विशाल की मोटरसाइकिल को छिपा दिया व मोबाइल फोन को तोड़ कर इलाहाबाद बैंक चौराहा के निकट आशीर्वाद गार्डन के पास फेंक दिया था। अभियुक्तों की निशानदेही पर उक्त सभी के साथ हत्या में प्रयुक्त मोटरसाकिल को बरामद कर लिया गया।
आरोपियों को पकडऩे वाली टीम
अंधे कत्ल के खुलासा में थाना प्रेमनगर प्रभारी निरीक्षक आशीष मिश्रा, उप निरीक्षक चन्द्रशेखर, प्रमोद तिवारी, आरक्षी राजकुमार, शैलेन्द्र कुमार शुक्ला, चालक भानु प्रकाश, राहुल दुबे, प्रभारी निरीक्षक एसओजी शैलेन्द्र कुमार सिंह, आरक्षी प्रदीप कुमार सेंगर, शैलेन्द्र सिंह चौहान, पदम गोस्वामी, सर्विलांस टीम के आरक्षी दुर्गेश सिंह, प्रशांत शामिल रहे।