• सीडब्लूएम के स्टेनों ने व्यवस्थाएं जुटाने को मांगा अवकाश
    झांसी। उमरे के झांसी मण्डल द्वारा भले ही कोरोना महामारी से निपटने के प्रयास किए जा रहे हों, किन्तु रेलवे वर्कशाप झांसी में व्यवस्थाओं की लापरवाही से कर्मचारियों में दहशत है। कर्मचारी भगवान भरोसे डयूटी को अंजाम दे रहे हैं। इसका प्रमाण मुख्य कारखाना प्रबन्धक झांसी का स्टेनों है जिसने कारखाना में कोरोना से निपटने की व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए स्वयं के जीवन की रक्षा के लिए व्यवस्थाएं करने के लिए चार दिन का अवकाश मांगा है।
    कार्यालय मुख्य कारखाना प्रबन्धक झांसी के स्टेनो शैलेश कुमार ने प्रार्थना देेते हुये बताया कि अभी-अभी हाल में ब्र्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, माउंट आबू में था। वहां कोरोना महामारी से निपटने के लिए साफ-सफाई, स्वच्छता, गर्म पानी, कॉफी, चाय, दूध, गर्म भोजन, मास्क, होमियोपैथी दवा आदि 24 घंटे उपलब्ध हैं। सबसे खास बात यह है कि इण्ट्री गेट नं ३ के पास कोरोना जाँच शिविर की भी व्यवस्था की गयी है। इस गेट से आने व जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति को चेक करके इंट्री कराया जा रहा है तथा इससे निपटने के लिए काफी दिशा-निर्देश भी दिया जा रहा है। यह व्यवस्था देखकर में वहां बहुत सुरक्षित महसूस किया तथा वहां से बाहर निकलते वक्त 15 मार्च को काफी खुशी हुई कि हम कोरोना से पूरी तरह मुक्त हैं। उन्होंने बताया कि जब वह 17 मार्च को वैगन मरम्मत कारखाना झांसी में ड्यूटी निभाने आया तो पाया कि यहां ठंडा पानी, कैंटीन में ठंडा भोजन, ठंडा समोसा-निगई, स्वच्छता के नाम पर गंदगी परोसी जा रही है। यहां किसी भी प्रकार का मास्क, होमियोपैथी दवा, जांच शिविर आदि की व्यवस्था बिलकुल नहीं की गयी है। यह देख कर चिन्ता हुई कि यहां रेल कर्मी कोरोना से पूरी तरह से असुरक्षित हैं। इससे बेखबर उत्तर मध्य रेल की प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह से कुंभकरण की निंद्रा सो रही है।
    स्टेनों ने मुख्य कारखाना प्रबन्धक को पत्र देते हुए विशेष आग्रह किया है कि उसे 4 दिनों (17 से 20 मार्च) के लिए छुट्टी दी जाए ताकि वह मास्क, गर्म पानी, गर्म भोजन का टिफिन, होमियोपैथी दवा, ऑफिस के कक्ष के लिए फिनाईल, पोग, मच्छर क्वायल आदि की व्यवस्था कर ले क्योंकि उसका जीवन अतिआवश्यक है। उस पर परिवार के 7 सदस्य और भी निर्भर हैं। इस स्थिति को देखने से स्पष्ट है कि रेलवे वर्कशाप में कोरोना से निपटने के इंतजाम नहीं किए गए हैं। इससे कर्मचारियों में दहशत है।