प्रयागराज । आपातकाल विरोध दिवस व मोदी सरकार के मजदूर वर्ग के अधिकारों पर हमलों और लॉकडाउन जनित तकलीफों के खिलाफ, मजदूरों को न्याय,सम्मान और अधिकार के लिए इंडियन रेलवे इम्प्लाइज फेडरेशन द्वारा घोषित अखिल भारतीय विरोध सप्ताह के आखिरी दिन सैकड़ों की संख्या में रेलवे कर्मचारियों ने पुरानी पेन्शन बहाली, रेल में निजीकरण, व महगांई भत्ता फ्रीज़ के खिलाफ आवाज़ बुलन्द करते हुए प्रयागराज जं पर वर्कर्स यूनियन ने विरोध प्रदर्शन करके दिखाई ताकत ।

विरोध प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए नार्थ सेन्ट्रल रेलवे वर्कर्स यूनियन के महामंत्री और इंडियन रेलवे इम्प्लाइज फेडरेशन के अध्यक्ष ने कहा कि देश भर के सभी रेलवे जोन और उत्पादन इकाईयो में एक सप्ताह से रेलवे कर्मचारी सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ पर्चा का वितरण करके, काली पट्टी बांधकर, दफ्तरों में जा जा कर मौखिक संवाद करके छटनी, कटौती, महंगाई भत्ता (DA) की बहाली के लिए। पुरानी पेंशन बहाली के लिए, उत्पादन इकाइयों समेत भारतीय रेलवे के निजीकरण/निगमीकरण खिलाफ,
ठेकेदारी, आउटसोर्सिग पूरी तरह से समाप्त करते हुए, अप्रेंटिस, ठेका, संविदा कर्मचारियों को स्थाई नियुक्ति देने, ट्रैक मैन की सुरक्षा की गारंटी करने सहित श्रम कानूनों को समाप्त करने की साजिशों के खिलाफ अभियान चलाया गया, देश की समुचित चिकित्सा व्यवस्था, अस्पताल लेबोरेट्री, दवाई निर्माण इकाइयों, मेडिकल कॉलेजों आदि के राष्ट्रीयकरण हो,
8) सभी मजदूरों को 10 हजार प्रति महीना आर्थिक सहायता की मांग किया गया, सभी रेल कर्मचारियों का 50 लाख का बीमा करने की किया गया, देश के अनदाता किसानों की फसल के समर्थन मूल्य को खत्म करने, भारतीय खाद्य निगम (FCI) को फसल की खरीद से बाहर करने व किसानों को खुली मंडी के हवाले कर पूंजीपतियों के रहमो करम पर छोड़ने का विरोध भी विरोध किया गया।
कॉमरेड मनोज पाण्डेय ने कहा कि जहां मान्यता प्राप्त फेडरेशन सरकार के साथ मिलकर कर्मचारियों के साथ धोखा दे रही हैं, वहीं इंडियन रेलवे एम्पलाईज फेडरेशन अपनी निर्माण काल के युवा ,महिला ,कार्यरत कर्मचारियों नेतृत्व में एन पी एस, रेलवे के उत्पादन इकाईयो के निगमीकरण के खिलाफ एतिहासिक आंदोलन चलाने के लिए अपनी पहचान बना चुकी हैं, इस अखिल भारतीय विरोध सप्ताह में भी लाखों की संख्या में देश भर के रेलवे कर्मचारियों ने भागीदारी की है। इस विरोध प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए ऐक्टू के राष्ट्रीय सचिव डॉ कमल उसरी ने कहा कि कोरेना संकट में जहां दुनिया के तमाम देश प्राइवेट सेक्टर का राष्ट्रीयकरण वही हमारी देश की सरकार सेल, भेल, बी यस एन एल, कोल, रेलवे सहित सार्वजनिक सेक्टर को भेज रही, श्रम कानूनों को ख़त्म कर रही हैं, लेकिन देश मेहनतकशो को गोलबंद करके ऐक्टू, इरेफ़, नार्थ सेंट्रल रेलवे वर्कर्स यूनियन लगातार संघर्ष कर रही हैं,।
विरोध प्रदर्शन में वर्कर्स यूनियन के विनय तिवारी, सैय्यद इरफात अली, सैय्यद वकार हुसैन, रुकमा नन्द पाण्डेय, सुनील मौर्या, अन्तस सर्वानन्द, भीम सिंह, सै. आफताब अहमद, अभय प्रताप सिंह, सनी कुमार, पवन मालवीय, इफ्तेखार, दरबारी लाल, राम किशोर, सौरभ कुमार, दिलीप कुमार , मनमोहन लाल, राम यतन प्रसाद, श्रीमती मंजू गौतम, श्रीमती बबली, उदय भान, श्रीमती रूपा, एजाज अहमद,चन्द्र भूषण पटेल, श्रीमती गीता देवी, सुनील गुप्ता, राजकुमार, मो. हारून, अमित शुक्ला, आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे । इस दौरान वर्कर्स यूनियन के प्रदर्शन कारियों ने सोशल डिस्टनसिंग का पूरा ख्याल रखा ।