झांसी। अयोध्या में ऐतिहासिक श्री राम मंदिर निर्माण के शिलान्यास के उपलक्ष में झांसी में भी ऐतिहासिक धार्मिक कार्य करने की कोशिश शुरू कर दी गई है। मेला जलविहार समिति के संयोजक पीयूष रावत ने पत्रकारों को बताया कि अयोध्या की कार सेवा में 90 के दशक में झांसी मुख्य केंद्र बिंदु बना था, क्योंकि पूरे भारत के पूरब, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण के कारसेवक यहीं आकर रुके थे। यहां तक कि कार सेवा के नेतृत्वकर्ताओं को भी तमाम जगहों से गिरफ्तार करने के बाद झांसी लाया गया था। निश्चित रूप से उस समय झांसी मिनी अयोध्या बना था और उसी को एक बार फिर जीवंत करने के लिए मेहंदी बाग के राम जानकी मंदिर में ऐतिहासिक आयोजन किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि कोरोना कॉल को देखते हुए भले ही इस बार गणेश उत्सव उस उल्लास के साथ न मनाया जाए जो हर वर्ष देखने को मिलता था, लेकिन अयोध्या के राम मंदिर निर्माण के शिलान्यास तथा गणेश उत्सव को देखते हुए मेहंदी बाग स्थित रामजानकी मंदिर में 25 अगस्त को ऐतिहासिक भोग लगाने का निर्णय लिया गया है। शुरुआत में यह तय हुआ था कि छप्पन भोग लगाए जाएंगे लेकिन तमाम भक्तजनों से चर्चा होने के बाद यह भोग 1008 व्यंजनों तक पहुंच गया है। प्रत्येक वर्ष गणेश उत्सव पर जगह-जगह पंडाल लगाकर गणेश प्रतिमाओं को स्थापित किया जाता है लेकिन चूंकि इस वर्ष इस तरह की कोई भी आयोजन नहीं हो रहे हैं, इसलिए यदि प्रत्येक घर से इस ऐतिहासिक कार्य में अन्न दान आदि के रूप में सहयोग किया जाए तो शायद विश्व का रिकॉर्ड प्रसाद पहली बार किसी मंदिर में लगेगा। इतना ही नहीं, हमारी कोशिश यह भी है कि रोटी हर गरीब के घर बनती है, लेकिन उसे रोटी के साथ साथ कुछ दिनों तक मिष्ठान भी मिले। यदि महानगर का प्रत्येक घर अपनी अपनी सामर्थ्य के अनुसार महाप्रसाद में योगदान करेगा तो न केवल कई दिनों तक गरीबों का पेट भरता रहेगा बल्कि उन्हें भोजन के साथ-साथ मिष्ठान भी मिलेगा। महानगरवासियों द्वारा किए जाने वाले इस सहयोग का उपयोग साधु-संतों के भोजन में भी किया जाएगा। उन्होंने पूरे महानगरवासियों से अपील की है कि वे इस ऐतिहासिक आयोजन के साक्षी ही नहीं, सहभागी भी बने। मेहंदी बाग स्थित रामजानकी मंदिर में यह ऐतिहासिक आयोजन मंदिर प्रमुख महंत राम प्रिय दास जी महाराज की आज्ञा से प्रेम नारायण जी महाराज के सानिध्य में किया जा रहा है।