झांसी। महानगर में वीवीआईपी एरिया में कमिश्नरी के निकट मार्निंग वॉक पर निकली 35 वर्षीय पूजा जायसवाल की गोलियां मारकर हत्या प्रकरण का पुलिस ने 24 घंटे में अनावरण करते हुए हत्यारोपी मृतका के जेठ सहित दो को दबोच कर हत्या में प्रयुक्त पिस्टल बरामद कर लिया है।

एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि शुक्रवार सुबह करीब छह बजे थाना सीपरी बाजार क्षेत्र के ग्वालटोली निवासी प्रदीप जायसवाल की पत्नी पूजा जायसवाल (35) घर से मार्निंग वॉक पर निकली थीं। घर लौटते समय बीकेडी-चित्रा मार्ग पर स्थित कमिश्नर कार्यालय के सामने सरेआम गोली मारकर पूजा की हत्या कर दी थी।
मामला दर्ज कर पुलिस की टीमें हत्यारों की तलाश में जुट गईं थीं। पड़ताल के दौरान सीसीटीवी कैमरों से पुलिस को कई सुराग मिले। पुलिस कप्तान के निर्देशन में लगी टीमों ने आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे को खंगाला जिसमें मृत का पूजा जायसवाल के आसपास घटना करने वाले अपराधी की उपस्थिति पाई गई लेकिन तस्वीर धुंधली होने के कारण कोई खास मदद नहीं मिल सकी। इधर, मृतका के भाई ने तहरीर देते समय बताया कि उसकी बहन पूजा जायसवाल से उसके जेठ ओम प्रकाश जायसवाल से अवैध संबंध का मुझे शक है और उसी के द्वारा उसकी हत्या की गई है, मृतका के भाई की बात को गंभीरता से लेते हुए पुलिस इस एंगल में जांच में जुट गई, तत्काल ओम प्रकाश जायसवाल को हिरासत में लिया गया थाने ले जाकर सघन पूछताछ में उसने पिस्तौल से गोली मारकर पूजा जायसवाल की हत्या की बात को स्वीकार कर लिया।

पूछताछ में ओमप्रकाश ने पुलिस को बताया कि उसका छोटा भाई प्रदीप जयसवाल (मृतका का पति) विकलांग है। उसके और पूजा के चार-पांच वर्ष पूर्व से अवैध संबंध थे, किंतु कुछ दिनों से पूजा जायसवाल ने मुझसे बात करना बंद कर दिया था। इससे मुझे ऐसा लगा कि पूजा किसी दूसरे व्यक्ति के साथ अवैध संबंधों में लिप्त हो गई है। यह बात ओमप्रकाश के दिमाग में घर कर गई और उसने अपनी बहू पूजा की हत्या की साजिश रच ली। योजना के मुताबिक ओमप्रकाश ने मॉर्निंग वॉक पर निकली अपनी बहू पूजा का पीछा किया और सर्किट हाउस के कुछ पहले ही उसके सिर में दो गोली मारकर उसकी हत्या कर दी और वापस घर पहुँच गया। घर पहुँचकर उसने पिस्टल अपने भाई दिलीप जायसवाल को सौंप दी दिलीप ने पिस्टल रेलवे कॉलोनी में स्टेडियम के पास छिपा दी थी जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया है। दोनों अपराधियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।

गौरतलब है कि इस अंधे कत्ल के खुलासे के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार प्रभु ने तीन टीमों का गठन किया था। पहली टीम में पुलिस अधीक्षक नगर विवेक त्रिपाठी, थाना प्रभारी सीपरी बाजार देवेंद्र सिंह, उपनिरीक्षक बृजेश कुमार, आरक्षी शीलेंद्र भदौरिया, आरक्षी कौशलेंद्र सिंह, आरक्षी शैलेंद्र सिंह सम्मिलित थे, दूसरी टीम में क्षेत्राधिकारी नगर राजेश कुमार सिंह, एसओजी प्रभारी आशीष मिश्र, आरक्षी योगेंद्र चौहान, आरक्षी मनीष सेंगर, आरक्षी पदम गोस्वामी, आरक्षी शैलेंद्र सिंह, आरक्षी चंद्रशेखर, आरक्षी दुर्गेश कुमार, आरक्षी प्रशांत कुमार और आरक्षी रमेश त्रिवेदी सम्मिलित रहे, वहीं तीसरी टीम में नवाबाद थाना प्रभारी अजय कुमार सिंह, उपनिरीक्षक जितेंद्र सिंह तक्खर, आरक्षी राजीव सिंह, आरक्षी विनय कुमार एवं आरक्षी मनोज कुमार सम्मिलित रहे। एसएसपी ने हत्याकांड के खुलासा करने वाली टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की है।