– झांसी में हुए “खेला” पर पूर्व विधायक बोले-पुलिस के बल पर भाजपा ने निर्विरोध कराया निर्वाचन
– न्यायालय में देंगे चुनौती, जनता 2022 के चुनाव में ज़वाब देगी
झांसी। उम्मीद के विपरीत जिला पंचायत अध्यक्ष पद को लेकर चल रही सियासत का खेला नामांकन के दिन ऐसा हुआ कि सपा के तोते उड़ गए। प्रस्तावक व अनुमोदक के अभाव में समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी आशा कमल गौतम नामांकन ही नहीं कर सकीं और भाजपा प्रत्याशी पवन गौतम का निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया, घोषणा बाकी है। हतप्रभ वरिष्ठ सपा नेता पुलिस के बल पर भाजपा की जीत का राग अलापते हुए इस धांधली के खिलाफ आंदोलन छेड़ने व न्यायालय में चुनौती देने की बात करते दिखाई दिए।
सत्ता के बल पर पुलिस की मदद से पार्टी सदस्यों को झाँसी आने के पहले रोक लिया गया। प्रस्तावक व अनुमोदक के झाँसी न पहुँचने के कारण सपा प्रत्याशी आशा कमल का नामांकन ही नहीं हो सका। इस प्रकार जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर भाजपा के पवन गौतम का निर्विरोध निर्वाचन तय माना जा रहा है। सपा नेता व गरौठा के पूर्व विधायक दीपनारायण सिंह यादव ने इस जीत को जनता की नहीं पुलिस की जीत बताते हुए कहा कि इस मामले को लेकर वह न्यायालय जाएंगे।
गौरतलब है जिला पंचायत के अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा व सपा के पास पहले से ही जादुई आंकड़ा नहीं था और दोनों पार्टियों से निर्दलियों से जोड़ तोड़ के कयास लगाए जा रहे थे कि नामांकन के पूर्व ही सपा प्रत्याशी आशा कमल गौतम के पति पर मुकदमा दर्ज किए जाने से लगने लगा था कि कुछ बड़ा होने वाला है। इसके बाद भी सपा नेताओं ने शुक्रवार को ही मीडिया के सामने दावा किया था इस तरह की कार्रवाई से डरने वाले नहीं हैं, विजय पताका सपा की ही फहरेगी किंतु नामांकन के दिन ही उनकी उम्मीद पर पानी फिर गया।
शनिवार को अध्यक्ष पद के नामांकन के पहले अचानक चली पुलिसिया चाल ने सपा के योजनाकारों को चारों खाने चित कर दिया। सपा प्रत्याशी के प्रस्तावक हेमन्त सेठ के झांसी में पीताम्बरा एनक्लेव स्थित आवास पर बड़ी संख्या में पुलिस ने घेरा डाल दिया। पुलिस ने हेमन्त सेठ के बारे में पूछताछ की तो बताया गया कि वह घर पर नहीं हैं। इसके बाद भी कालोनी के गेट व अंदर पुलिस का सादा वर्दी में पहरा लगा रहा। आरोप लगाया गया कि सत्ता के बल पर पुलिस की मदद से पार्टी सदस्यों को झांसी आने के पहले रोक लिया गया। प्रस्तावक व अनुमोदक के झांसी न पहुँचने के कारण सपा प्रत्याशी आशा कमल गौतम का नामांकन ही नहीं हो सका। इस प्रकार जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर भाजपा के पवन गौतम का निर्विरोध निर्वाचन तय माना जा रहा है।
इस मामले में हेमन्त सेठ ने आरोप लगाया कि भाजपा सत्ता का दुरुपयोग कर रही है। इसी प्रकार अन्य जिला पंचायत सदस्यों को भी पुलिस द्वारा रोके जाने के आरोप पूर्व विधायक दीप नारायण सिंह यादव ने लगाए हैं। दीपनारायण सिंह ने कहा कि लोकतंत्र में ऐसे चुनाव होगा, यह सोचा नहीं था। जनता भाजपा की गुंडागर्दी जनता देख रही है, इसका जवाब 2022 में जनता देगी। उन्होंने दावा किया कि भाजपा की हार इस चुनाव में तय थी, इसीलिए भाजपा ने सत्ता का खुलेआम दुरुपयोग किया। उन्होंने इस जीत को जनता की नहीं पुलिस की जीत बताते हुए कहा कि इस मामले को लेकर वह न्यायालय जाएंगे। इस मौके पर पूर्व एमएलसी श्यामसुंदर सिंह, एमएलसी प्रतिनिधि आरपी निरंजन, जिलाध्यक्ष महेश कश्यप, राकेश पाल सहित अन्य नेता मौजूद रहे।