– गायन/वादन विधाओं के 20 कलाकारों व उनकी कलाएं होगी संरक्षित
– स्थानीय शिल्पकारों को अर्बन हाट में होंगी दुकानें आवंटित
झांसी। बुंदेलखंड की सांस्कृतिक विरासत जो विलुप्त होने की कगार पर है, उसके संरक्षण के उपायों को गति देने की कवायद शुरू हो गई है। इस संबंध में कलेक्ट्रेट स्थित कक्ष में बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी आंद्रा वामसी ने कहा कि किसी भी क्षेत्र में वहां की सभ्यता एवं सांस्कृतिक विरासत उस क्षेत्र की गरिमा का प्रतीक होती है। बुन्देलखण्ड में अपार सांस्कृतिक सम्पदा मौजूद है परन्तु इसे विलुप्त होने से बचाने के लिए तथा धरोहर को संरक्षित करने के लिए इससे जुड़े कलाकारों को सांस्कृतिक एवं आर्थिक सहयोग प्रदान किए जाने और उन्हें विभिन्न स्तर पर प्रोत्साहित करने के प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि किसी भी देश में वहां की सभ्यता एवं सांस्कृतिक विरासत उस देश की गरिमा को बढ़ाती है। हमारे सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक स्मारक जो पुरातत्व विभाग की सूची में दर्ज है वह तो संरक्षित होते हैं परंतु जनपद में अनेक ऐसी इमारतें, भवन मीनार, झील, पहाड़ियां हैं जो किसी भी स्तर से संरक्षित नहीं हैं।ऐसी धरोहर को संरक्षित करने के लिए स्थानीय स्तर पर प्रयास किए जाने की अत्यंत आवश्यकता है ताकि इन्हें नष्ट होने से बचाया जा सके। उन्होंने संबंधित एसडीएम को उक्त जानकारी एकत्र किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि गांव से जुड़ा कोई इतिहास, गांव की स्थापना से लेकर कोई कहानी, प्रमुख स्थान से जुड़ी कोई कहानी यदि कोई उसका विवरण है तो उसको भी एकत्र किया जाए।  इसके अतिरिक्त ग्राम में खानपान को लेकर यदि कोई विशिष्ट  प्रकार का व्यंजन बनता है उसका विवरण, ग्राम में खेले जाने वाले खेलों का विवरण, गांव में मनाऐ जाने वाले कुछ अलग किस्म के त्योहार, गांव में ऐसी महिलाएं जिन्होंने उच्च शिक्षा ग्रहण कर गांव का गौरव बढ़ाया है। ग्राम में पैदा की जाने वाली सब्जी तथा ग्राम में पैदा की जाने वाली मुख्य फसलें, ग्राम में कोई सांस्कृतिक पृष्ठभूमि/साहित्य/कला/ संगीत/नृत्य आदि का कोई  पारंपरिक प्रचलन है तो उसको भी चिन्हित करते हुए सूचीबद्ध किया जाए ताकि उसे प्रोत्साहित करते हुए संरक्षित किया जा सके। उन्होंने इस अभियान को “गांव-गांव की गौरव गाथा” खोज नाम देते हुए कहा कि एक सप्ताह में समस्त जानकारियां उपलब्ध कराएं।
 जिलाधिकारी ने कहा कि इस अभियान का मूल उद्देश्य बुन्देलखण्ड  की सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करना है।  सूचनाएँ संकलित होने के उपरान्त विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक संगठनों, संस्थाओँ, रूचि रखने वाले व्यक्तियों व शोधकर्ताओं के माध्यम से अन्वेषण, संरक्षण एवं शोध का कार्य कराया जायेगा ताकि चिरकाल तक इन्हें सुरक्षित कराया जा सके। जिलाधिकारी ने बैठक में अधिकारियों, निदेशक राजकीय संग्रहालय, पर्यटन, क्षेत्रीय सांस्कृतिक अधिकारी सहित होटल एसोसिएशन, होटल संचालक आदि से बुंदेलखंड क्षेत्र की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं इससे जुड़े कलाकारों को सांस्कृतिक एवं आर्थिक सहयोग प्रदान किए जाने तथा उन्हें प्रोत्साहित किए जाने पर चर्चा करते हुए कहा कि लोक गायन, लोक वादन कचहरि व स्वांग, नृत्य, बांसुरी/शहनाई वादन, ढिमरयाई नृत्य, सितार/लोक नृत्य दल, लोक गायन व नृत्य दल, पखावज़ व मृदंग वादन, लोक संगीत-वंशी, हारमोनियम/बांसुरी, लोक गायन, संगीत वादक ढोलक/ मृदंग वादक, भजन व लोक नृत्य आदि की लगभग 20 कलाकार हैं, इन सभी की कला और कलाकारों को संरक्षित किया जाना है। उन्होंने सुझाव दिया कि समस्त होटल व्यवसाई ऐसे कलाकारों को अपने यहां प्रस्तुतीकरण हेतु आमंत्रित करें, जिससे इनकी कला का प्रोत्साहन और प्रचार-प्रसार हो साथ ही आर्थिक स्थिति में भी सुधार आए। उन्होंने बताया कि विभिन्न कार्यक्रमों में प्रशासन द्वारा इन्हें लगातार मंच उपलब्ध कराया जाएगा अकी स्थानीय लोगों को भी बुंदेलखंड की पारंपरिक विधाओं की जानकारी प्राप्त हो सके। विलुप्त हो रही बुंदेलखंडी लोकनृत्य, लोकगायन, वादन की पारंपरिक विधाओं को संरक्षित करने के लिए जल्द ही पर्यटन और सांस्कृतिक विभाग द्वारा वर्कशॉप आयोजित किया जाएगा। जिसमें नए होनहार कलाकारों को जोड़ते हुए इन विधाओं के उत्थान और प्रोत्साहित करने का कार्य होगा। इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी ने बुंदेलखंड में लोक कलाकृतियां व शिल्पकारों के लिए भी अर्बन हाट में दुकानें आवंटित करते हुए उनकी कलाओं के प्रदर्शन करने का सुझाव दिया और सचिव झांसी विकास प्राधिकरण को इस संबंध में कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
  बैठक में मनीष सेंगर राज महल ओरछा ने कलाकारों और विभिन्न विधाओं को संरक्षित करने के उद्देश्य से सुझाव देते हुए कहा कि अर्बन हाट में ऐसे कलाकारों को निशुल्क स्थान उपलब्ध कराया जाए जहाँ वह अपनी कला का प्रदर्शन कर सके। इसके अतिरिक्त बुंदेलखंड के नृत्य खानपान का भी प्रदर्शन किया जाए। नगर आयुक्त अवनीश कुमार राय ने कला को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से वृंदावन लाल वर्मा व रानी लक्ष्मी बाई पार्क में बुंदेलखंडी कलाकारों के लिए मंच उपलब्ध कराए जाने का सुझाव दिया, उन्होंने कहा कि प्रतिदिन विभिन्न विधाओं के लोक नृत्य का प्रस्तुतीकरण होगा जिससे नगरवासी व अन्य पर्यटक बुंदेलखंड की संस्कृति एवं लोक कला से रूबरू होंगे।
 बैठक में बुंदेलखंड की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत के प्रचार-प्रसार हेतु झांसी के प्रवेश द्वार पर ब्लैक लाइट साइन बोर्ड, यूट्यूब के माध्यम से झांसी किले के आसपास व बुंदेलखंड के लोकनृत्य/लोकसंगीत की वीडियो रिकॉर्डिंग/फोटोग्राफ का प्रचार प्रसार, नगर के विभिन्न होटलों में झांसी की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से जुड़ा साहित्य आदि उपलब्ध कराते हुए लोगों को जानकारी दिए जाने पर भी सहमति हुई। इस अवसर पर अपरजिलाधिकारी राम अक्षयवर चौहान, संजय कुमार पांडेय, एसपी सिटी विवेक त्रिपाठी, नगर मजिस्ट्रेट सलिल पटेल, एसडीएम सान्या छाबड़ा, राजकुमार, अतुल कुमार,  राहुल रिछारिया सहित होटल नटराज पोर्टिको, होटल यात्रिक के प्रतिनिधि सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।