– निजीकरण व निगमीकरण का विरोध, पुरानी पेंशन पर जोर, 3 मई से मंडल में जनजागरण सप्ताह

झांसी। उत्तर मध्य रेलवे कर्मचारी संघ की केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक का आयोजन भारतीय रेलवे मजदूर संघ के 20 वे त्रैवार्षिक अधिवेशन 9 एवं 10 अप्रैल 2022 के क्रम में होने जा रहा है। अधिवेशन में मुख्य अतिथि रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने रेल के तकनीकी विकास के कारण रेल तंत्र पर आने वाले प्रभाव तथा आम भारतीय जनमानस की रेल सुविधाओं संबंधी अपेक्षाओं पर आगे बढ़ने की अपील की है। इसी क्रम में भारतीय रेलवे मजदूर संघ एवं उत्तर मध्य रेलवे कर्मचारी संघ रेल उद्योग के विकास के लिए कटिबद्ध है। जिसका उदाहरण यह है कि झांसी में नया रिफेसमेंट कारखाना पुराने आईसीएफ कोच के रिफर्बिशमेंट के लिए बन रहा था जबकि तकनीकी विकास के कारण नए एलएचबी कोचों के साथ साथ रेल संचालन प्रारंभ होकर आगे बढ़ चुका था। UMRKS को इसकी जानकारी थी यदि ICF के लिए रिफेसमेंट फैक्ट्री के लिए बनाई जाती तो पुराने तकनीक के कारण अनुपयोगी साबित होती रेलवे की क्षति होती और रेल कर्मचारियों को भी अत्यंत असुविधा का सामना करना पड़ता। UMRKS द्वारा सांसद अनुराग शर्मा को इसकी पूरी जानकारी से अवगत कराया तब उन्होंने यह विषय संसद में उठाया और जिसके परिणाम स्वरूप अब यह फैक्ट्री एलएचबी कोच के लिए बनाई जा रही है । इसका प्रभाव सीएमएलआर फैक्ट्री पर भी देखने को मिला है जहां अब आईसीएफ के स्थान पर एलएचबी कोचों की मरम्मत का कार्य किया जाना प्रारंभ हो चुका है।

भारत सरकार की श्रम कानूनों में परिवर्तन के कारण श्रमिकों के हितों की अनदेखी ना हो जिसके लिए बीआरएमएस सदैव प्रयास करता रहेगा। अधिवेशन में कई प्रस्ताव पास हुए हैं और उनको लागू करवाने हेतु आंदोलनात्मक कार्यवाही किए जाने का निर्णय लिया गया। जिसकी प्रथम कड़ी में 3 मई से 6 मई तक कर्मचारियों को जागरुक कर जन जागरण सप्ताह मनाया जाएगा और 6 मई को मंडल रेल प्रबंधक एवं मुख्य कारखाना प्रबंधक के माध्यम से प्रधानमंत्री भारत सरकार को ज्ञापन दिया जाएगा ।
सरकारी कर्मचारियों की नई पेंशन योजना 2004 से लागू की गई थी जिसका दुष्प्रभाव अब कर्मचारियों जिनकी आकस्मिक मृत्यु हुई है उनको परिवार पेंशन के भुगतान के रूप में समझ में आने लगा था। इस विषय को भारतीय रेल मजदूर संघ /भारतीय मजदूर संघ ने आगे बढ़ कर वित्त मंत्री से वार्ता कर पुरानी पेंशन योजना में परिवर्तित कराने के लिए ग्रेच्युटी देने के लिए बाध्य किया। नई पेंशन योजना में सामान्य कर्मचारी को मिनिमम पेंशन जैसे सुविधाएं दिलाने के लिए प्रशासन विचार कर रहा है किंतु बीआरएमएस/यूएमआरकेएस का स्पष्ट मत है पुरानी पेंशन योजना तथा सीसीएस पेंशन नियम 1972 या भारतीय रेल सेवा पेंशन नियम 1993 बिना किसी संशोधन के बहाल की जाए ।
रात्रि में कार्य करने पर कर्मचारियों को रात्रि ड्यूटी भत्ता दिया जाता है। जिसने भी सरकार ने सीलिंग 43600/- लगा दी ,जो उचित नहीं है। जिसके लिए सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय परिसंघ द्वारा निरंतर डीओपीटी एवं रेल मंत्रालय स्तर पर वार्ता कर रोक लगवाई परंतु वित्त मंत्रालय ने इस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं ले पाया।
रनिंग कर्मचारियों के लाइन बॉक्स को हटाने का विषय पिछले 33 वर्ष से चल रहा है परंतु मान्यता प्राप्त यूनियनों द्वारा इस पर कोई भी समाधान नहीं करवा पाई है। जब गोरखपुर और लखनऊ में विरोध हुआ तो UMRKS ने बीआरएमएस द्वारा सर्वप्रथम रेलवे बोर्ड पर इसके समाधान हेतु सुझाव प्रस्तुत किए और उत्तर मध्य रेलवे पर भी भेजे गए।
एएलपी से गार्ड का कार्य लिया जा रहा है रेल का कार्य प्रभावित ना हो इसका हम विरोध नहीं करते परंतु जिस सहायक लोको पायलट से काम लिया जा रहा है उन्हें उसका OFFICIATING ALLOWANCE दिया जाए एवं गार्ड के रिक्त पदों को भरा जाए।
रनिंग कर्मचारियों का टोर्च सेल भत्ता महंगाई को देखते हुए बढ़ाया जाए जिस पर UMRKS द्वारा स्पष्टीकरण सहित पत्र भेजा गया है।
झांसी में स्थित कारखाना को यूनिफॉर्म लोड दिया जाए और उत्पादन को बढ़ाने के प्रयास किए जाएं। कार्य के घंटों की चल रहे अध्ययन में अमानवीय तरीकों से की जा रही पर कटौती तत्काल रोक लगाई जाए। इस वजह से कर्मचारियों के प्रोत्साहन भत्ता पर आघात किया जा रहा है ।
मान्यता प्राप्त संगठनों पर 2 मई 2019 को कार्यकाल समाप्त हो जाने के बावजूद भी सरकार एवं प्रशासन से मिलीभगत करके सभी सुख सुविधाओं का भोग कर रहे हैं जबकि सितंबर 2019 में मोडेलिटी जारी होने के बाद सभी संगठनों को समान अधिकार दिए जाने चाहिए थे। कोरोना के नाम पर प्रत्येक वर्ष मान्यता के चुनाव मान्यता प्राप्त संगठनों के द्वारा टलवाये जा रहे हैं। जिससे कर्मचारियों से बिना सहमति से चार चार सौ रुपए की अनाधिकृत वसूली निरंतर जारी रखी जा सके। जिसका UMRKS एवं कर्मचारियों ने भी लिखित रूप में विरोध दर्ज किया है । अतएव मान्यता हेतु शीघ्र चुनाव करवाए जाएं ।
बढ़ते कार्यभार और बिगड़ते काम के माहौल के कारण रेल कर्मचारियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है इसलिए रेल कर्मचारियों/सुपरवाइजरो के तनाव को कम करने के लिए प्रयास किए जाएं।
आयकर की सीमा 800000 किया जाए इससे निचले ग्रेड के कर्मचारी को फायदा हो सके।
पीएलबी की गणना न्यूनतम वेतन 18000 पर की जाए ।
रेलवे के सभी रिक्त पदों को शीघ्र भरा जाए, जिससे आउटसोर्सिंग से करवाए जा रहे कार्यों को बंद किया जा सके ।
वृद्ध माता-पिता को रेल कर्मचारी के परिवार में शामिल कर पास एवं चिकित्सा की सुविधा दी जाए।
कोरोना से पीड़ित सभी रेल कर्मचारियों को स्पेशल कैजुअल लीव दी जाए एवं कोरोना से शहीद रेल कर्मचारियों को करोना योद्धा घोषित किया जाए।
उक्त जानकारी कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि भारतीय रेलवे मजदूर संघ की ओर से बी आर सिंह व  अध्यक्षता कर रहे राजाराम मीणा केंद्रीय अध्यक्ष UMRKS ने दी। बैठक का संचालन कारखाना मंडल सचिव दया निधि मिश्रा ने किया। बैठक में पूरे उत्तर मध्य रेलवे के प्रतिनिधियों आगरा मंडल से सूर्यकांत शर्मा, बंसी बदन झा, प्रयागराज मंडल से मोहित सिंह, सरोज मीणा, लाइक अहमद, हरिशंकर पोरवाल, झांसी मंडल से हेमंत विश्वकर्मा, संजीव वर्मा, कपिस कुमार सिंह, मोहित, अंबिका प्रसाद, पप्पू राम सहाय, ए के शुक्ला, शेखर चतुर्वेदी, विवेक कुणाल, संतोष राठौर, नीरज राय, मोहम्मद इरशाद खान, राजकुमार तिवारी, राम सिंह परिहार इत्यादि शामिल हुए।