झांसी। हत्या का दोष सिद्ध होने पर पिता – पुत्रों सहित सात अभियुक्तों को अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या- 2 विजय कुमार वर्मा प्रथम की अदालत में आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गयी है।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता देवेन्द्र पांचाल के अनुसार वादी मुकदमा महताब पुत्र दशरथ सिंह यादव ने लिखित तहरीर थाना बबीना में 17 सितंबर 2015 को देते हुए बताया था कि आज मेरा पुत्र प्रेम यादव उम्र 24 वर्ष को मेरे गांव के भरत पुत्र रतीराम, इन्दर पुत्र संतराम यादव धोखे से गणेश महोत्सव के चन्दा के नाम से ले गये तो वहाँ पर मौजूद भय्यन उर्फ सतपाल, हरदौल पुत्रगण सीताराम व रामजी लाल पुत्र देवी प्रसाद, धर्मवीर उर्फ भज्जू पुत्र संतराम, शिरोमन पुत्र राम नारायण निवासी गण रसीना सभी लोगो ने एक राय होकर जबरदस्ती उठाकर अपने घर के पास ले जाकर भैय्यन या हरदौल ने अपने हाथ में लिये हुए तमंचों से सीताराम, लाल शिरोमन व धर्मवीर अपने हाथों में लिये लाठी- डण्डों व पत्थरों से हमला कर गाली गलौज करते हुए तमंचा आसमान में लहराते हुए धमकी दी कि जो भी आयेगा उसे मार देंगे, अजब सिंह, भाई हुकुम सिंह व पत्नी उर्मिला के साथ मैं मौके पर पहुँचा तो मेरा पुत्र प्रेम सिंह जमीन पर तड़प रहा था और मेरे सामने भैय्यन और हरदौल ने तमंचों से गोली मार दी। शेष छः लोगों ने भारी पत्थर से जान से मारने की नियत से कुचल दिया जिससे उसके शरीर पर कई जगह चोटें आ गई। हम लोगों ने बचाने का प्रयास किया तो अजब सिंह, हुकुम सिंह, उर्मिला व मुझे लाठी- डण्डों से मारने पीटने लगे, जिससे हम लोगों को भी चोटे आयी है। इस घटना को गांव के कई लोगों ने देखा है। लेकिन इनके भय की वजह से कोई तैयार नहीं है क्योंकि यह लोग दबंग किस्म के हैं। गांव के कई लोगों व हम लोगो के चिल्लाने पर जान से मारने की धमकी देते हुए भाग गये।

हम लोग मरणासन्न अवस्था में प्रेम को बबीना सरकारी अस्पताल लेकर आये जहाँ पर हालत अधिक खराब होनेके कारण मेडिकल कालेज झांसी रिफर कर दिया गया, जहाँ पर डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घायल उर्मिला, अजब सिंह व भाई हुकुम सिंह मेडिकल कालेज में भर्ती हैं। वादी मुकदमा महताब सिंह की तहरीर के आधार पर अभियुक्तगण भय्यन उर्फ सत्यपाल, हरदौल, सीताराम, रामजी लाल, धर्मवीर उर्फ मज्जू, शिरोमन, भरत एवं इन्दर के विरूद्ध धारा- 302, 147, 148, 149, 323, 504, 506, 34 भा०द०सं०के तहत थाना बबीना पर मुकदमा दर्ज किया गया। दौरान विचारण अभियुक्त राम जी लाल की मृत्यु हो जाने के कारण उसके विरूद्ध वाद की कार्यवाही उप की गई, शेष अभियुक्तगण भय्यन उर्फ सत्यपाल व हरदौल पुत्रगण सीताराम यादव, सीताराम पुत्र देवी प्रसाद यादव, धर्मवीर उर्फ मज्जू पुत्र सन्तराम यादव, शिरोमन पुत्र नारायण यादव, भरत पुत्र रतीराम यादव एवं इन्दर पुत्र सन्तराम यादव के विरूद्ध प्रस्तुत साक्ष्यों एवं गवाहों के आधार पर न्यायालय द्वारा दोषसिद्ध अभियुक्तगणों को अन्तर्गत धारा 302/34 भा०दं०सं० में आजीवन कारावास व पचास-पचास हजार रूपये अर्थदण्ड, अर्थदण्ड अदा न करने पर एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास, धारा- 324 / 34 भा०दं०सं० में 3 वर्ष के कारावास व पांच-पांच हजार रूपये अर्थदण्ड, अर्थदण्ड अदा न करने पर तीन माह के अतिरिक्त कारावास, धारा- 506 (भाग- II) / 34 भा०दं०सं० में 5 वर्ष के कारावास व दस-दस हजार रूपये अर्थदण्ड, अर्थदण्ड अदा न करने पर 4 माह के अतिरिक्त कारावास की सज़ा सुनाई गयी। अधिरोपित अर्थदण्ड की कुल धनराशि में से 50 प्रतिशत धनराशि पीड़ित पक्ष (मृतक के पिता) को प्रतिकर के रूप में नियमानुसार प्रदान किये जाने का आदेश भी दिया गया है।