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झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में सोमवार को पत्रकारिता विभाग के 3 छात्र और एक छात्रा को निष्कासित करने पर आक्रोशित छात्रों ने गेट पर धरना प्रदर्शन किया तभी चीफ प्रॉक्टर समेत अन्य प्रोफेसर पहुंच गए। गेट से हटाने पर छात्रों के साथ धक्का-मुक्की हो गई।

बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी की मीडिया लैब में पत्रकारिता विभाग के कुछ छात्रों ने अपने ही यूनिवर्सिटी के खिलाफ एक वीडियो शूट करके सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया था। इससे खलबली मच गई। इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन ने संबंधित छात्रों को नोटिस जारी कर दिया था। इसके बाद स्पष्टीकरण नहीं देने पर एक छात्रा और 3 छात्रों को निष्कासित कर दिया था। आज प्रदर्शन के बाद छात्राें को समझाया गया। दोपहर बाद चारों स्टूडेंट्स ने स्पष्टीकरण दे दिया। उनको भरोसा दिया कि चारों स्टूडेंट्स का निष्कासन निरस्त कर दिया जाएगा।

गौरतलब है कि हाल में ही यूनिवर्सिटी में दो घटनाओं का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसमें गर्ल्स हॉस्टल की छात्राओं ने अव्यवस्थाओं को लेकर प्रदर्शन किया था जबकि बॉयज हॉस्टल में कुछ छात्रों से मारपीट का वीडियो सामने आया था। पत्रकारिता विभाग के कुछ छात्रों ने मीडिया लेब में जाकर दोनों घटनाओं का जिक्र करते हुए एक वीडियो शूट कर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया था।

इसके बाद संबंधित 4 छात्रों को नोटिस दिया गया। स्पष्टीकरण नहीं देने पर 5 अक्टूबर को थर्ड सेमेस्टर के स्टूडेंट राहुल यादव, यज्ञेस मिश्रा, सत्यम पुरी और प्रथम वर्ष की छात्रा पलक श्रीवास्तव को दो माह से लिए निष्कासित कर दिया गया था। जब छात्र धरने पर बैठे तो पता चला कि निष्कासन हो गया है।

इस मामले में पलक श्रीवास्तव और राहुल यादव का कहना है कि टीचर से पूछकर वीडियो बनाया था। 27 सितंबर को टीचर ने स्पष्टीकरण मांगा तो देने लगे। मगर वे दूसरे टीचर का नाम लिखवाना चाहते थे। हम लोगों ने मना कर दिया। 28 सितंबर को कुलसचिव को एक प्रार्थना पत्र दिया था। तब चीफ प्रॉक्टर ने दोनों पक्षों को बुलाकर बात सुनी। समाधान नहीं होने पर कुलपति को ज्ञापन दिया। 4 अक्टूबर को जब पढ़ने गए तो डिपार्टमेंट के अंदर नहीं जाने दिया। इसको लेकर आज गेट के बाहर बैठकर प्रदर्शन कर रहे थे। वहां हम लोगों के साथ धक्का-मुक्की हुई। तभी लेटर दिए गए कि 4 लोगों को निष्कासित कर दिया गया। बाद में छात्रों को समझाया गया। छात्रों ने स्पष्टीकरण लिखकर दिया कि जानकारी के अभाव में वीडियो शूट हो गया था। आगे से ऐसा नहीं होगा। निष्कासन निरस्त करने का भरोसा दिया है।

चीफ प्रॉक्टर आरके सैनी का कहना है कि वीडियो शूट के मामले में विभागाध्यक्ष ने नोटिस दिया था। जबाव नहीं देने पर मामले को अनुशासन समिति के पास भेजा था। समिति ने भी नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा, मगर छात्रों ने स्पष्टीकरण नहीं दिया। इस पर 5 अक्टूबर को चारों छात्रों को दो माह के लिए निष्कासित कर दिया था। आज प्रदर्शन कर रहे छात्रों को समझाया गया। तब उन्होंने स्पष्टीकरण लिखकर दे दिया। अब समिति आगे निर्णय लेगी। फिलहाल छात्रों में आक्रोश व्याप्त है।