AILRSA ने जताई नाराजगी, रेलवे ने हाई स्पीड ट्रेन की स्पीड लिमिट बढ़ाने का फैसला किया
नई दिल्ली। इंडियन रेलवे (Indian Railway) ने लोको पायलट (Loco Pilot) की लंबे समय से ड्यूटी पर लंच व टॉयलेट ब्रेक दिये जाने की लंबित मांग को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि नहीं दे सकते। पिछले कुछ समय में कई रेल दुर्घटनाएं देखने को मिली हैं और हाल के दिनों में इनमें बढ़ोतरी हुई है। अब रेलवे ने लोको पायलटों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। उन्हें ड्यूटी के दौरान भोजन और शौच के लिए ब्रेक नहीं मिलेगा। इसके अलावा, हाई स्पीड ट्रेन की परिभाषा भी बदल दी गई है।
दरअसल रेलवे ने इसके लिए एक हाई लेवल कमिटी बनाई थी जिसने सिफारिश दी कि लोको पायलट को लंच और टॉयलेट ब्रेक देने के लिए नियम बनाना व्यवहारिक तौर पर संभव नहीं है। द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, रेलवे बोर्ड ने इस कमिटी की सिफारिशों पर सहमति दे दी है। यह निर्णय देश भर में बढ़ती रेल दुर्घटनाओं के बीच लिया गया है, जिनके लिए अक्सर मानवीय भूल को कारण बताया जा रहा है। इससे लोको पायलट में आक्रोश है। ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन ने रेलवे बोर्ड के इन फैसलों की निंदा की है।
हाई स्पीड लिमिट बढ़ाई गई
रेलवे ने हाई स्पीड ट्रेन की लिमिट 110 किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़ाकर 130 किलोमीटर प्रति घंटे कर दी है। रेलवे बोर्ड के पांच एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स और रेलवे की रिसर्च ब्रांच – रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गनाइजेशन (RDSO) – की मल्टी डिसीप्लिनरी कमिटी ने इसकी सिफारिश की है। समिति ने 200 किमी प्रति घंटे या उससे अधिक दूरी के लिए चलने वाली – मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (MEMU) – ट्रेनों में एक सहायक लोको पायलट तैनात करने की सिफारिश भी की है।
मिलेगा सहायक लोको पायलट
समिति ने यह भी सिफारिश की है कि यदि कोई ट्रेन 200 किमी प्रति घंटे या उससे अधिक दूरी तय करने वाली मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (MEMU) है, तो उसमें एक सहायक लोको पायलट तैनात किया जाना चाहिए।
AILRSA ने जताई नाराजगी
ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (AILRSA) ने रेलवे बोर्ड के इन फैसलों की निंदा की है। एसोसिएशन ने कमेटी की इन सिफारिशों को वास्तविकता से दूर और निराधार करार दिया है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को लिखे एक पत्र में AILRSA के महासचिव केसी जेम्स ने कहा कि समिति लोको पायलटों के तनाव के बढ़ते स्तर का मूल्यांकन करने में विफल रही है। लोकोमोटिव में टॉयलेट की सुविधा नहीं होने के चलते नेचुरल कॉल के लिए ब्रेक देने से इनकार करना अस्वीकार्य है।
लोको केबिन में क्रू वॉयस व वीडियो रिकॉर्डिंग सिस्टम लगाने का बचाव
इसके अलावा रेलवे ने लोको केबिन में क्रू वॉयस और वीडियो रिकॉर्डिंग सिस्टम लगाने का बचाव किया है। उनकी ओर से कहा गया कि इससे निजता का उल्लंघन नहीं होगा। इस सुविधा का उद्देश्य किसी भी घटना के विश्लेषण में क्रू मेंबर्स की सहायता करना है। रेलवे का कहना है कि यह ड्राइवर्स की प्राइवेसी का उल्लंघन नहीं है। उनका मानना है कि यह सिस्टम दुर्घटना की जांच के समय चालक दल की मदद करेगा।
रेलवे बोर्ड ने सारे रेलवे जोन के महाप्रबंधकों के नाम एक पत्र जारी कर बताया है कि इससे क्रू (लोको पायलट ग्रुप) पर कोई एडिशनल वर्कलोड नहीं पड़ेगा। यह केवल ट्रेनों के सुरक्षित परिचालन को सुनिश्चित करने के लिए किया गया है।










