जनभागीदारी से स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम, पोस्टर विमोचित
झांसी। “संकल्प से समाधान तक – स्वच्छता जन-जागरण अभियान” के तहत जिला जनकल्याण महासमिति एवं रानी झांसी फाउंडेशन झांसी ने स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण और कचरा प्रबंधन को लेकर जन-जागरूकता की नई मुहिम की शुरुआत केंद्रीय अध्यक्ष डा जितेन्द्र कुमार तिवारी के संयोजन में आज की गई।इस अवसर पर संस्था के पदाधिकारियों ने बताया कि यह अभियान नागरिक सहभागिता पर आधारित है, जिसमें हर नागरिक को अपने स्तर से स्वच्छता प्रहरी बनकर जिम्मेदारी निभाने का अवसर दिया जा रहा है ।कार्यक्रम में संस्था के सक्रिय सदस्यता अभियान का औपचारिक शुभारंभ किया गया। इसके अंतर्गत झांसी के प्रत्येक वार्ड, विद्यालय और सामाजिक संस्थानों में स्वच्छता, जल संरक्षण और कचरा प्रबंधन की टीमें गठित की जाएंगी।इन टीमों के माध्यम से नागरिकों को दैनिक जीवन में पर्यावरण के अनुकूल व्यवहार अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
इस अवसर पर “क्या करें – क्या न करें” शीर्षक से एक आकर्षक जन-जागरूकता पोस्टर का विमोचन भी किया गया।इसमें नागरिकों के आचरण को सुधारने और स्वच्छता के संस्कारों को अपनाने का संदेश दिया गया है- *क्या करें*:घर और आसपास की साफ-सफाई नियमित रूप से करें।गीला व सूखा कचरा अलग-अलग रखें और निर्धारित डस्टबिन में डालें। वर्षा जल और घर के जल संचयन को बढ़ावा दें और टंकी या छत के पानी को बर्बाद न करें।सर्दी के मौसम में पुराने गर्म कपड़े जरूरतमंदों को दान करें। लकड़ी जलाते समय सूखी लकड़ी या गोबर के कंडे का ही उपयोग करें, प्लास्टिक या रबर जैसी चीजें न जलाएं पेड़-पौधों की देखभाल करें और आसपास हरियाली बढ़ाएं।अपने बच्चों को स्वच्छता और पर्यावरण के संस्कार सिखाएं।
क्या न करें : सड़क या नालियों में कचरा, राख या गंदगी न फेंकें । ठंड से बचाव के लिये प्लास्टिक , टायर या पुराने कपड़ों को आग में न जलाएं — इससे वायु प्रदूषण बढ़ता है।खुले में शौच या मूत्रत्याग न करें।जल स्रोतों, हैंडपंप या नालों के पास गंदगी न फैलाएं।एकल उपयोग वाली प्लास्टिक (Single Use Plastic) का प्रयोग न करें।पानी , बिजली और ईंधन को अनावश्यक रूप से न खर्च करें।
सर्दी में धुआं फैलाने वाले कूड़े-कचरे को न जलाएं, इससे बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है।संस्था के केंद्रीय अध्यक्ष डा जितेन्द्र कुमार तिवारी ने बताया कि इस अभियान के तहत विद्यालयों, कॉलेजों, वार्डों और सामाजिक संस्थाओं में नियमित कार्यशालाएं, स्वच्छता रैलियां, निबंध एवं चित्रकला प्रतियोगिताएं, वृक्षारोपण और “ज़ीरो वेस्ट” कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।लोगों को अपने जीवन में “कचरा कम, पुन: उपयोग अधिक” की सोच अपनाने का आह्वान किया गया। “स्वच्छता किसी एक दिन का उत्सव नहीं, बल्कि हर दिन की आदत बननी चाहिए। जब नागरिक जागरूक होंगे, तभी हमारा शहर, हमारा पर्यावरण और हमारी धरती वास्तव में स्वस्थ और सुंदर बनेगी।”
इस अवसर पर मुख्य रूप से प्रतिमा ओझा,भावना चंदेल, माधुरी राज, प्रभात यादव, सौरभ जेजुरकर, धर्मेंद्र कारलेकर, निशा सैनी, अनीता सिंह, राहुल सैनी, कैलाश नारायण मालवीय, मोतीलाल दुबे, कीर्ति गुप्ता, अंजुलता गुप्ता, निर्मला परिहार, एड शिरोमणि शर्मा, सतेंद्र कुमार तिवारी, बी पी तिवारी, आर एन उपाध्याय, पूजा गुप्ता, सुमन वर्मा, सुनीता सिंह, रजनी वर्मा, सुनील शर्मा, चंद्र मोहन राय, अशोक शर्मा आदि मौजूद रहे।