पुलिस ने स्टूडियो में दिनदहाड़े बंधक बच्चों समेत 19 को मुक्त कराया

मुंबई। मुंबई के पवई स्थित आर ए स्टूडियो में 17 बच्चों को बंधक बना कर मांग मनवाने का दबाव बनाने वाले रोहित आर्या की मौत हो गई है। पुलिस की कार्रवाई के दौरान फायरिंग में उसे गोली लगी, जिसके बाद उसे गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया था। डॉक्टरों ने इलाज के दौरान रोहित आर्या को मृत घोषित कर दिया। बच्चों के सकुशल मुक्त होने सभी ने राहत की सांस ली है। पुलिस अब घटना की पूरी जांच कर रही है और ऑपरेशन की रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
गुरुवार को मुम्बई के पवई के RA स्टूडियो में रोहित आर्या ने 17 बच्चों समेत 19 लोगों को किडनैप कर लिया था। पवई के RA स्टूडियो में बच्चों को ऑडिशन के लिए बुलाया गया था लेकिन वहां उन्हें बंधक बना लिया गया। बच्चों को बंधक बनाने की जानकारी जैसे ही मुंबई पुलिस को मिली, पुलिस तुंरत हरकत में आई और बच्चों को सकुशल बचा लिया।
पवई के आर ए स्टूडियो में 17 बच्चों, 1 बुजुर्ग नागरिक और 1 आम शख्स को बंधक बनाने वाले रोहित आर्य को पुलिस ने एयरगन और कुछ संदिग्ध केमिकल पदार्थों के साथ गिरफ्तार किया था। इस दौरान रोहित ने पुलिस पर फायरिंग की और जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने रोहित पर भी गोलियां चलाईं। घटना की शुरुआत गुरुवार सुबह हुई, जब पवई स्थित आर ए स्टूडियो में एक्टिंग क्लास और ऑडिशन के लिए लगभग 100 बच्चे पहुंचे थे। यहां काम करने वाला और खुद को यूट्यूबर बताने वाला रोहित आर्य पिछले चार-पांच दिनों से बच्चों का ऑडिशन ले रहा था लेकिन गुरुवार को उसने 80 बच्चों को वापस भेज दिया और 19 लोगों को अंदर ही रोककर बंधक बना लिया।
इस दौरान बच्चों के शीशे से झांकने पर आसपास के लोगों ने शोर मचाया और तुरंत पुलिस को सूचना दी। कुछ ही देर में स्थानीय पुलिस, ATS और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और इलाके को चारों ओर से घेर लिया। रोहित अंदर से लगातार पुलिस को धमका रहा था और कह रहा था कि कोई भी आक्रामक कदम उसे उकसा सकता है।
इसी बीच, रोहित का एक वीडियो संदेश सामने आया, जिसमें उसने खुद को इस पूरी घटना के पीछे का व्यक्ति बताया। वीडियो में रोहित ने कहा कि यह सब उसने एक प्लान के तहत किया है और उसकी कोई बड़ी वित्तीय मांग नहीं है। उसका दावा था कि उसकी मांगें नैतिकता से जुड़ी हैं। उसने खुद को आतंकवादी न बताते हुए कहा कि वह केवल सवाल पूछना और उनके जवाब पाना चाहता है।
हालात को काबू में लाने के लिए पुलिस ने एक स्पेशल ऑपरेशन प्लान तैयार किया। मुख्य दरवाजे से प्रवेश करना जोखिम भरा था, इसलिए पुलिस की एक टीम ने बाथरूम के जरिए उस कमरे में घुसने का रास्ता चुना। करीब दो घंटे चले इस साइलेंट ऑपरेशन में पुलिस ने सभी 17 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला। इस बीच रोहित आर्या ने पुलिस पर फायरिंग की और जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने रोहित पर गोली चलाई। इस गोलीबारी में रोहित को गोली लगी और पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल में डॉक्टरों ने रोहित को मृत घोषित कर दिया।
पुलिस के अनुसार, रोहित के पास से एक एयरगन, कुछ केमिकल पदार्थ बरामद हुआ था। फॉरेंसिक टीम इन सामग्रियों की जांच कर रही है कि कहीं यह किसी खतरनाक पदार्थ का हिस्सा तो नहीं। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या उसने यह सब अकेले किया या किसी के इशारे पर। मुंबई पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सभी बच्चे सुरक्षित और स्वस्थ हैं, उन्हें मेडिकल चेकअप के बाद काउंसलिंग के लिए भेजा गया है। अधिकारियों के मुताबिक, यह एक मेंटली डिस्टर्ब्ड लेकिन कंट्रोल्ड ऑपरेशन था, जिसमें वक्त पर की गई कार्रवाई से बड़ा हादसा टल गया।
 
		












