झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झाँसी के समाज कार्य विभाग के सहायक आचार्य एवं सामाजिक कार्यकर्ता डॉ मुहम्मद नईम को समाज कार्य शिक्षण, प्रशिक्षण एवं अनुसंधान के एकमात्र अखिल भारतीय संस्थान “नेशनल एसोसिएशन आफ़ प्रोफेशनल सोशल वर्कर्स इन इंडिया“ द्वारा उड़ीसा राज्य के भुवनेश्वर में आयोजित 13वें राष्ट्रीय सम्मेलन में संगठन की बीसवीं वर्षगांठ के अवसर पर उनके समाज कार्य शिक्षण और प्रशिक्षण में दीर्घकालीन योगदान हेतु सम्मानित किया गया ।
सेंचुरियन विश्वविद्यालय भुवनेश्वर की कुलपति प्रो सुप्रिया पटनायक, मधुसूदन लॉ यूनिवर्सिटी उड़ीसा के कुलपति प्रो कमलजीत सिंह एवं नापस्वी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो संजय भट्ट द्वारा डॉ मुहम्मद नईम को सम्मान पत्र, स्मृति चिह्न एवं अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया ।
इस अवसर पर भारतवर्ष के विभिन्न राज्यों के समाज कार्य शिक्षक एवं प्रैक्टिसनर उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से प्रो सुरेश पठारे, प्रो केशव बालके, प्रो अनूप कुमार भारतीय, प्रो आर पी द्विवेदी, प्रो निमिषा गुप्ता, प्रो अंकुर सक्सेना, प्रो बिपिन जोजो, डॉ राजेश टंडन, डॉ मधु भट्ट, डॉ रुपेश कुमार सिंह, डॉ अर्चना सिंह, डॉ गौरव कुमार, फादर अंटनों, डॉ अनीस के आर, प्रो नलिनी आर, डॉ प्रदीप साहो, डॉ गोरामा, डॉ नौरांग माना आदि सहित ऑस्ट्रेलिया के समाज कार्य शिक्षक एवं शोधार्थी डॉ हननान, रॉब कुनिघम, डॉ कल्पना गोयल, विंडिश मार्ग्रेट, स्टीफ आदि उपस्थित थे ।
डॉ मुहम्मद नईम की इस उपलब्धि पर उनके शुभचिंतकों द्वारा बधाई दी गई । ज्ञात हो कि डॉ मुहम्मद नईम विगत ढाई दशकों से सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय हैं, बुंदेलखंड की सामाजिक संस्थाओं परमार्थ, मार्गश्री, समर्पण, बुंदेलखंड प्रोफेशनल सोशल वर्कर्स एसोसिएशन, बचपन, बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच, किन्नर शक्ति फाउंडेशन, हिलाल वेलफेयर सोसायटी, किन्नर शक्ति फाउंडेशन, कलाम एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसायटी, अनुरागिनी संस्थान आदि के प्रबंधकीय एवं परामर्श बोर्ड से जुड़कर बुंदेलखंड की सामाजिक समस्याओं के निराकरण हेतु सतत प्रयासरत है । पूर्व में डॉ नईम को सुप्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता एवं मैग्सेसे पुरस्कार विजेता पदम श्री अन्ना हजारे, जलपुरुष राजेंद्र सिंह, डॉ संदीप पाण्डे, एडमिरल रामदास, सुश्री मेधा पाटेकर, डॉ संजय सिंह आदि द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है । सोशलमैन ऑफ़ बुंदेलखंड की उपाधि से विभूषित डॉ मुहम्मद नईम को मतदाता जागरूकता हेतु उत्तर प्रदेश निर्वाचन आयोग एवं विभिन्न जनपदों के जिला प्रशासन द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है ।










