• दोषी गौपालक व उच्चाधिकारियों पर होगा मुकदमा
    झांसी। गौवंश की मौतों से नाराज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रुख अपनाते हुए स्पष्ट किया कि जनपद में गाय की मौत पर उच्च अधिकारियों के खिलाफ गौवध अधिनियम एवं पशु कू्ररता पर मुकदमा दर्ज किया जायेगा। दूध निकाल कर गौवंश को लावारिस छोडऩे वालों पर भी एफआईआर दर्ज की जाये। उन्होंने गौ आश्रय स्थल के निर्माण व चारा क्रय में पारदर्शिता भी सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि कई बार बैठकों में व वीडियो कान्फ्रेसिंग के द्वारा गौ संरक्षण व उनकी संरक्षा सम्बन्धित निर्देश दिये गये परन्तु उन पर कोई अमल नहीं किया जा रहा है। लगातार जिलों से गौवंश की मौतों की खबर से प्रतीत हो रहा है कि अधिकारियों की संवेदनायें मर गई हैं।
    उक्त उद्गार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से प्रदेश के समस्त मण्डलायुक्त, जिलाधिकारी सहित अन्य विभागीय अधिकारियों को गौ संरक्षण एवं सुरक्षा, आश्रय स्थल, कान्हा उपवन के निर्माण पर चर्चा करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने मिर्जापुर व अयोध्या जिलों के कई अधिकारियों के विरूद्घ सख्त कार्यवाही के आदेश दिये। गौवंश की मौत पर जो भी जिम्मेदार है उन सभी पर सख्त कार्यवाही की जाये।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि गौवंश का मर जाना आप कैसे स्वाभाविक मौत मान सकते है जिसकी जिम्मेदार हो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। उन्होंने ऐसे जनपदों के जिलाधिकारियों से बात की जहां गौवंश की अधिक मौत हुई है। उन्होंने कहा कि गौवंश की सुरक्षा और उनका संरक्षण सुनिश्चित हो। शेड, आश्रय स्थल की साफ-सफाई लगातार की जाये। आश्रय स्थल पर जल भराव व कीचड़ से यदि गौवंश की मौत होगी तो कार्यवाही जिम्मेदार व्यक्ति पर सुनिश्चित हो। मुख्यमंत्री ने नाराजगी व्यक्त करते हुये कहा कि सभी जनपदों में पर्याप्त धनराशि उपलब्ध है उसके बाद भी गौवंश की मौत की खबर आ रही है जो अधिकारियो की संवेदनहीनता प्रदर्शित करती है। गौ आश्रय स्थल पर पशु चिकित्साधिकारी नियमित कैम्प आयोजित कर गौवंश का स्वास्थ्य परीक्षण करें, जो बीमार है उन्हें अलग स्थान पर रखा जाये इसके साथ ही नर-मादा व ब’चों को अलग-अलग रखे जाने की व्यवस्था हो।
    मुख्यमंत्री ने ताकीद की कि गौवंश की मृत्यु भूख प्यास से न हो, आश्रय स्थल पर चारा व पानी की व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि रैण्डमली जांच की जाए कि जो केयरटेकर है वह जानवरों को भूसा पानी दे रहा है या नहीं। उन्होंने कहा कि गौवंश की मौत एक संवेदनशील मुद्दा है इसे गंभीरता से लिया जाये। उन्होंंने मीडिया में गौवंश की मौत की खबरों पर सच्चाई सामने रखें। समाचार पत्रों में भ्रमित करने वाले समाचारें का खण्डन करें और सत्य जानकारी सामने रखें। उन्होंने कहा कि किसानों को जागरूक किया जाये कि वह निराश्रित पशुओं को आश्रय दें और उनका रख-रखाव करें, उनकी सेवा करें। उन्होंने कहा कि किसान को प्रति गौवंश ९०० रूपये दिये जायेंगे। यदि किसान ऐसा करने को तैयार हो जायेंगे तो छुट्टा जानवरों की समस्या का हल हो जायेगा साथ ही गौवंश सुरक्षित व संरक्षित रहेंगे। इस मौके पर जिलाधिकारी शिवसहाय अवस्थी, सीडीओ निखिल टीकाराम फुण्डे, अपर आयुक्त त्रिभुवन विश्वकर्मा, एडीएम नगेन्द्र शर्मा, नगर आयुक्त मनोज कुमार, अपर नगर आयुक्त शादाब खान, पशुपालन विभाग, समस्त बीडीओ, ईओ सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।