• 1980 का फॉर्मुला लागू नहीं होने पर रनिंग कर्मियों में आक्रोश
    झांसी। ऑल इंडिया लोको रनिंंग स्टॉफ एसोसिएशन के आहवान पर देश भर के रेलवे के लोको पायलट/गार्ड द्वारा आज से भूखे रह कर रेल गाडिय़ों का निर्वाध संचालन किया। यह आंदोलन चौबीस घण्टे तक जारी रहेगा। दरअसल, 1980 से लंबित मांग को अपेक्षा के अनुरूप नहीं माने जाने पर रनिंग कर्मियों में आक्रोश है। अपनी मांगों पर ध्यानाकर्षित करने के लिए एसोसिएशन के आहवान पर आज प्रात: 11 बजे से चौबीस घण्टे अर्थात 16 जुलाई को 10 बजे तक का आंदोलन किया जा रहा है।
    एसोसिएशन के इलाहाबाद/झांसी के जोनल अध्यक्ष आरके दुबे ने बताया कि कानपुर, बांदा लॉबी /रनिंग रूम में प्रदर्शन किया गया। झांसी लॉबी में मंत्री मयंक पटवर्धन, इमरान वेग सहित वीके उपाध्याय, अमर सिंह, नरेन्द्र यादव, विवेक गोस्वामी, हुकुमचन्द्र, रामबाबू सेन, हीरालाल के अलावा महिला लोको पायलट द्वारा सरकार के रवैये की आलोचना की और रनिंग रूमों में जाकर सभी रनिंग कर्मचारियों को जागृत किया।
    बताया गया है कि रेल मंत्रालय द्वारा कुछ समय पूर्व रेलवे रनिंग कर्मचारियों को किलोमीटर का भत्ता बढ़ाया गया। पूर्व में ये 255 रुपए था जो 525 रुपए हो गया। इसके बाद भी रनिंग कर्मचारियों का इसको लेकर विरोध है। रनिंग कर्मियों का कहना है 1980 के नियम के अनुसार 748 रुपए भत्ता बनता है जबकि सरकार द्वारा सिर्फ 525 रुपए मंजूर किए हैं। मनमर्जी से बढ़ाए गए भत्ते पर विरोध करते हुए उनका कहना है कि असल में 1980 के जिस फॉर्मुले को लागू करना था वह नहीं किया गया। 1980 में जो फॉर्मुला बनाया गयाए उसके अनुसार रनिंग के कर्मचारी को 16 घंटे प्रतिदिन काम करने के अनुसार 30 दिन का भत्ता मिलना चाहिए जबकि रेलवे बोर्ड ने 5 दिन अवकाश के व 5 दिन रनिंग रुम के रखरखाव के नाम पर 10 दिन का भत्ता काट लिया। अब जो भत्ते की घोषणा हुई वह 20 दिन के काम की है। कर्मचारियों का कहना है 30 दिन तक का 30 प्रतिशत के अनुसार माइलेज के अनुसार भत्ता मिलना चाहिए जबकि ये नहीं हो रहा।