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 ट्रेन उरई पहुंची तो गायब थे पर्स सहित आभूषण 

झांसी। तिरुवनन्तपुरम से गोरखपुर जा रही राप्तीसागर एक्सप्रेस (12512) एच-1 कोच के कूपे से लखनऊ के केन्द्रीय वनस्पति अनुसन्धान केन्द्र के प्राचार्य की पत्नी के चोरी गए लगभग 17 लाख रुपए कीमत के आभूषणों का कोई सुराग नहीं मिला है। जीआरपी व आरपीएफ जांच पड़ताल में जुटी है।

इस मामले में लखनऊ के ऐशबाग स्टेशन पर जीआरपी थाने में तहरीर देते हुए महाराष्ट्र के वर्धा जिले के हिगटाघाट निवासी मनीष कुमार ने बताया कि वह लखनऊ के केन्द्रीय वनस्पति अनुसन्धान केन्द्र में प्राचार्य के पद पर तैनात है। वह अपनी पत्नी भाग्यश्री के साथ राप्तीसागर एक्सप्रेस से सोमवार की रात लखनऊ जा रहे थे। जब ट्रेन ललितपुर और झांसी के बीच चल रही थी तभी उनको नींद आ गई और किसी ने उनके पर्स से आभूषण चोरी कर लिए। जब हमारी ट्रेन 28 अक्टूबर को सुबह 5.45 बजे उरई पर पहुंची तब पता चला कि सोने के आभूषण सहित पर्स ग़ायब है।

इसकी सूचना आरपीएफ उरई द्वारा कण्ट्रोल को दी गई। इसके बाद पीड़ित ने लखनऊ पहुँच कर घटना की लिखित रूप से तहरीर स्टेशन के जीआरपी थाने ऐशबाग में दी। इसमें उन्होंने बताया कि पर्स से चोरी हुई आभूषण में एक रानीहार, मंगलसूत्र, एक अंगूठी, कान की बालियाँ, चेन, सोने का एक कडा, एक कानोती आदि शामिल है। इसकी कीमत भाग्यश्री और उनके पति मनीष द्वारा 17 लाख रुपये बताई गई है।

मनीष कुमार ने बताया कि वह दीपावली पर अपनी पत्नी भाग्यश्री के साथ अपने घर हिंगटाघाट गए थे। छु‌ट्टी खत्म होने के बाद वह वापस लखनऊ लौट रहे थे। उनका रिजर्वेशन राप्ती सागर एक्सप्रेस में एसी 1 कोच की सीट नम्बर 13-14 ई केबिन में था। उन्होंने बताया कि जब उनकी नींद खुली तब उनके केबिन की कुण्डी खुली हुई थी। सुरक्षित समझे जाने वाले एसी केबिन में चोरी हो जाना रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहे हैं।