• झांसी व ग्वालियर में नहीं सुनी पीडि़त की गुहार, आगरा में शिकायत
    झांसी। १२१८९ महाकौशल एक्सप्रेस में वातानुकूलित कूपा सी-१ में एक पूर्व सांसद के गनर के बिना टिकिट यात्रा करने का विरोध कोच कण्डक्टर को महंगा पड़ गया। गनर द्वारा कोच कण्डक्टर के साथ धक्का-मुक्की व दुव्र्यवहार कर उसका मोबाइल फोन छुड़ा कर कार्यवाही में हस्तक्षेप किया गया। झांसी स्टेशन पर जीआरपी व आरपीएफ ने हस्तक्षेप कर कोच कण्डक्टर का मोबाइलफोन तो वापस करवा दिया, किन्तु आरोपी के खिलाफ कार्यवाही करने से हाथ खड़े कर मामला रफा-दफा करने में कसर नहीं छोड़ी। इसके बाद ट्रेन को ग्वालियर स्टेशन पर अटेण्ड किया, किन्तु वहां भी कोच कण्डक्टर की शिकायत पर कार्यवाही नहीं की गयी।
    दरअसल, जबलपुर से चल कर हजरत निजामुददीन जा रही १२१८९ महाकौशल एक्सप्रेस के वातानुकूलित कूपा सी-१ में एक पूर्व सांसद अपने सहायक व गनर के साथ यात्रा कर रहे थे। इस कूपे में एक यात्री ने अपनी सीट पर अनधिकृत रूप से बैठे गनर की शिकायत कोच कण्डक्टर डीके मिश्रा से की। इस पर कोच कण्डक्टर ने गनर से टिकिट मांगा, किन्तु वह नहीं दिखा सका। पूर्व सांसद व उसका सहायक भी गनर का टिकिट नहीं बता सका। इसको देखते हुए कोच कण्डक्टर ने गनर से सीट से उठने व जुर्माना भरने को कहा। आरोप है कि इस पर गनर द्वारा कोच कण्डक्टर के साथ धक्का-मुक्की कर दुव्र्यवहार किया। इसका कोच कण्डक्टर द्वारा जब मोबाइल से वीडियो बनाने का प्रयास किया तो गनर ने मोबाइल फोन छुड़ा कर कब्जे में ले लिया। इसकी जानकारी कोच कण्डक्टर ने झांसी मण्डल मुख्यालय पर कमर्शिलय कण्ट्र्रोल को देकर मदद मांगी।
    इसके बाद जब उक्त ट्रेन झांसी आकर प्लेटफार्म नम्बर तीन पर रुकी तो सी-१ कोच में जीआरपी व आरपीएफ स्टाफ पहुंच गया, किन्तु जब उन्हें पता चला कि मामला सांसद के गनर का है तो सभी बैकफुट पर आ गए और कोच कण्डक्टर को समझाना शुरू कर दिया। कोच कण्डक्टर द्वारा अपने साथ घटित घटना की जानकारी देते हुए इसका मैमो देने का प्रयास किया, किन्तु उसकी एक नहीं चली। इस दौरान जीआरपी के कहने पर गनर ने कोच कण्डक्टर का मोबाइल फोन वापस कर दिया। झांसी में ट्रेन लगभग ३८ मिनट खड़ी रही, किन्तु कोच कण्डक्टर से मैमो नहीं लिया गया। ट्रेन के रवाना होने पर जीआरपी व आरपीएफ ने राहत की सांस ली। इसके बाद कोच कण्डक्टर ने पुन: कामर्शिलय कण्ट्रोल को इसकी जानकारी दी और जब ट्रेन ग्वालियर स्टेशन पहुंची तब उसने अपने साथ घटित घटना का मैमो जीआरपी को देने का प्रयास किया, किन्तु वहां भी टालमटोल की गयी। जैसे ही ट्रेन चलने लगी कोच कण्डक्टर ने चेन पुलिंग कर दी पर और उसका यह भी प्रयास विफल रहा और ट्रेन आगरा के लिए रवाना हो गयी। कोच कण्डक्टर ने आगरा में अपने साथ घटित घटना की जानकारी देकर कार्यवाही की मांग की। देखना है कि इस प्रकरण में क्या होता है।