झांसी। बार काउंसिल आफ उप्र के तत्वावधान में दिल्ली में अधिवक्तागणों के साथ पुलिस अधिकारीगण द्वारा की गई गैर कानूनी अमानवीय घटना व प्रदेश में अधिवक्तागण के साथ अक्सर घटित हो रही घटनाओं के विरोध एवं अधिवक्तागण की सुरक्षा के साथ ही अन्य सुविधा प्रदान करने की मांग को लेकर जनपद के सभी अधिवक्तागण आज न्यायिक कार्य से विरत रहे और मुख्यमंत्री को सम्बोधित मांगों का ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से दिया।
ज्ञापन में बताया कि तीस हजारी कोर्ट नई दिल्ली में पुलिस की फायरिंग से जो अधिवक्ता घायल हुये हैं उन्हें यथा शीघ्र दस लाख का मुआवजा, दोषी पुलिस कर्मियों के विरूद्घ यथा शीघ्र जांचकर अधिकतम तीन माह के अंदर साक्ष्यों की जांच (ट्रायल)पूर कर दण्डित किया जाये। प्रदेश में जिन अधिवक्ताओं की हत्या हुई है उनके हत्यारों की गिरफ्तारी कर उचित कार्यवाही कराना सुनिश्चित करें। उत्तर प्रदेश अधिवक्ता कल्याण निधि न्यास समिति से मृतक अधिवक्ताओं के वर्षों से लम्बित दावों का निस्तारण कराना सुनिश्चित करें और नये अधिवक्ताओं को प्रोत्साहन भत्ता दिया जाना प्रारम्भ किया जाये। अधिवक्ता भविष्य निधि की धनराशि १.२५ लाख से बढ़कर ५ लाख की जाए, कोई भी पुलिस अधिकारी या सिपाही न्यायालय परिसर में असहले लेकर प्रवेश न करें। अधिवक्ताओं की जान-माल की सुरक्षा के लिये कड़े इंतजाम व अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम यथा शीघ्र पारित किया जाये। इस दौरान अध्यक्ष रमेश कुमार यादव, सचिव प्रणय श्रीवास्तव एडवोकेट के नेतृत्व में प्रमोद मिश्रा, राजेन्द्र रावत, महेन्द्र जोशी, लक्ष्मी नारायण राय, जयप्रकाश नामदेव, नरेन्द्र खरे, बृजेन्द्र राय, जयप्रकाश नामदेव, अनिल साहू, रमेश राजपूत, अभय ब्रह्मचारी, दीपक यादव, आशीष कुमार, अमित बबेले, सत्यप्रकाश त्रिपाठी, निर्मला चौरसिया, नरेन्द्र वैध, हृदेश नारायण दुबे, भानू सहाय सक्सेना, जितेन्द्र अग्रवाल, मनीष श्रीवास्तव, सुधीर कथूरिया, योगेन्द्र जाट, प्रशांत शर्मा, संदीप यादव, एजाज खान, हैरान सिंह, सरदार सिंह, अब्दुल सैरिफ , रामकुमार, ज्ञान दुबे, शिववीर पाल शमीम राज, राकेश दुबे, रवि माथुर, बालकिशन, विनोद खरे, अजय खरे, इन्द्रजीत सिंह, संदेश यादव, विनोद सति सैकडों अधिवक्तागण उपस्थित रहे।