- पतालकोट के बाद मालगाड़ी हुई दुर्घटनाग्रस्त, रेल यातायात रहा प्रभावित
झांसी/ग्वालियर। नव वर्ष 2020 का दसवां दिवस (शुक्रवार) उमरे के झांसी मण्डल में एक साथ दुर्घटनाओं के लिए याद रखा जाएगा। शुक्रवार की सायं 14624 पतालकोट एक्सप्रेस के बाद मालगाड़ी दुर्घटना ग्रस्त हो गयी। इन घटनाओं के कारण रेल प्रशासन चकरधिन्नी बन गया जबकि रेल यातायात प्रभावित रहने से यात्री अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए परेशान रहे।
दरअसल, शुक्रवार की सायं झांसी रेल मण्डल के आंतरी-संदलपुर के बीच पतालकोट एक्सप्रेस की टक्कर से पत्थरों से लदी टै्रक्टर ट्राली के परखच्चे उड़ गए। इसके कुछ ही देर बाद उसी ट्रैक से निकलती मालगाड़ी का इंजन भी क्षतिग्रस्त ट्राली से टकरा गया, जिससे उसकी वैगन पटरी से उतर गयी। लगभग दस मिनट के अंतराल में ग्वालियर-झांसी मार्ग पर एक के बाद एक दो हादसों के कारण रेल आवागमन ठप्प हो गया था।
दरअसल, रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) कम्पनी द्वारा ग्वालियर-झांसी मार्ग पर तीसरी लाइन का काम किया जा रहा है। इसी क्रम में संदलपुर टनल के उपर काम चल रहा है। सूत्रों के अनुसार शुक्रवार की सायं लगभग छह बजे इस ट्रैक से निकल रही पातालकोट एक्सप्रेस के इंजन की चपेट मेंं वहां पत्थर ले जा रही टै्रक्टर ट्राली आकर क्षतिग्रस्त हो गयी। लेकिन उसकी क्षतिग्रस्त ट्राली की ट्रेन की ए-1 व बी-1 एवं अन्य तीन सामान्य बोगियां से रगड़ हो गयी। इससे इन बोगियों की साइड की चददर फट गयी और खिड़की व कांच टूट गए। इससे उनमें सवार यात्री घबरा गए। इसके बाद ट्रेन सायं लगभग साढे छह बजे डबरा पहुंची। डबरा में करीब दस मिनट ट्रेन खड़ी रहने के बाद रवाना किया गया।
घटना की सूचना मिलने पर रेल अधिकारी व तकनीकि टीम दुर्घटना राहत ट्रेन के साथ मौके पर पहुंच गए और मरम्मत कार्य शुरू किया। इस घटना के कारण लगभग ढाई-तीन घण्टे तक अप व डाउन मार्ग की ट्रेनों को आसपास के स्टेशनों पर रोक दिया गया था जबकि हालत देखते हुए चार गाडिय़ों के मार्ग परिवर्तित करने का निर्णय लिया गया।
वैगन पटरी से उतरने से मार्ग रहा जाम
पतालकोट एक्सप्रेस के बाद घटना स्थल से निकल रही मालगाड़ी भी टै्रक्टर ट्राली के टुकड़ों से टकरा गयी। इंजन तो टुकड़ों से टकराते हुए आगे बढ़ गया, किन्तु इसकी वजह से इसका एक वैगन पटरी से उतर गयी। इससे उक्त मार्ग जाम हो गया। इसके कारण झांसी से ग्वालियर की तरफ जाने वाली गाडिय़ां संदलपुर तक तो अपने ही मार्ग से निकलीं, किन्तु बाद में झांसी से ग्वालियर आने वाले मार्ग से निकाली गयीं। इसी बीच रेलवे ने चार गाडिय़ों के रूट को डायवर्ट कर दिया, किन्तु समय पर ट्रैक पर यातायात सुचारू होने से उन्हें निर्धारित रूट से ही चलाया गया। ग्वालियर से झांसी की तरफ जाने वाली सचखण्ड एक्सप्रेस को सायं करीब सवा सात बजे ग्वालियर स्टेशन पर ही रोक दिया गया था। करीब ढाई घण्टे तक स्टेशन पर रुकने के बासद ट्रेन अपने गंतव्य के लिए रवाना कर दी गयी। चैन्नई राजधानी एक्सप्रेस को मुरैना स्टेशन पर ही रोक दिया गया जबकि गोवा एक्सप्रेस, श्रीधाम एक्सप्रेस, देहरादून चैन्नई एक्सप्रेस, नवयुग एक्सप्रेस, महाकौशल एक्सप्रेस, निजामुददीन जबलपुर एक्सप्रेस सहित कई ट्रेन छोटे-छोटे स्टेशन पर ही रोक दी गयीं थीं। लाइन के क्लियर होने के बाद रुकी गाडिय़ों को रवाना किया गया।
असुरक्षित तरीके से हो रहा था काम
सबसे बड़ी बात यह है कि जब ट्रेन निकल रही थी तो तीसरी लाइन का कार्य जारी था जो कि सुरक्षा के लिहाज से ठेकेदार की लापरवाही का द्योतक था। संदलपुर टनल के ऊपर कार्य किया जा रहा था, किन्तु अनियमितता यह थी कि रेलवे की अधिकृत कम्पनी आरवीएनएल के प्रतिनिधि की गैर मौजूदगी में कार्य किया जा रहा था। सुरक्षा के लिहाज से वहां पर कोई भी व्यवस्था पेटी कांटेक्टर द्वारा नहीं की गई इस कारण से यह हादसा हो गया। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। इस घटना की गाज किस पर गिरेगी भविष्य के गर्त में है।














