• बुन्देली थीम पर कार्यक्रम, साहित्य, पत्रकारिता, सिने जगत की हस्तियां जुटेंगीं
    झांसी। बुन्देलखण्ड की हृदय स्थली झांसी भी अब उन बड़े और महत्वपूर्ण शहरों में शान से शामिल होने जा रहा है जहाँ लिटरेचर फेस्टिवल आयोजित होते हैं। बुन्देलखण्ड के इतिहास में पहली बार बुन्देलखण्ड लिटरेचर फेस्ट सोसायटी और बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आगामी 28, 29 फरवरी तथा 01 मार्च को ऐतिहासिक क्राफ्ट मैदान में बुन्देलखण्ड साहित्य महोत्सव 2020 का आयोजन किया जा रहा है, जिसके कुछ सत्र हिंदी विभाग में भी होंगे।
    बुन्देली थीम पर आधारित इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में बुन्देली, हिंदी आलोचना, स्त्री, दलित, किन्नर, आदिवासी आदि विमर्श, बुन्देलखण्ड का इतिहास, ललित कला परिदृश्य, पर्यटन, साहित्य के प्रसार में सरकार की भूमिका, सोशल मीडिया, वेब सीरीज, युवा लिखेगा युवा पढ़ेगा, सिनेमाई आंख से स्त्री, फिल्मों से गायब होती भाषा, सिनेमा में कहाँ है गाँव, 21वीं सदी के सिनेमा के बदलते सरोकार, बाजार में साहित्य आदि विषयों पर बुन्देली, हिंदी साहित्य, सिने जगत, कला जगत, पत्रकारिता और पर्यटन से जुड़े देश-विदेश के विभिन्न कोनों से आ रहे विशेषज्ञ चर्चा करेंगे। समकालीन साहित्य, बुन्देली लोक साहित्य, कला व संस्कृति, मीडिया तथा सिनेमा को समर्पित इस महोत्सव के साथ त्रिदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का भी आयोजन किया जा रहा है, जिसका विषय है-समकालीन साहित्य, फिल्म, कला, संस्कृति व मीडिया चुनौतियाँ एवं संभावनाएँ है। इसमें शोधार्थी एवं प्राध्यापक गण अपने शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे। इसके अतिरिक्त एक वृहत पुस्तक मेला भी आयोजन स्थल पर आयोजित किया गया है, जिसमें देश के प्रमुख प्रकाशक सम्मिलित होंगे। अभी तक जिन महत्वपूर्ण लोगों के आगमन की सूचना मिल गयी है उनमें भोपाल से पद्मश्री कैलाश मड़वैया, उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ राजनारायण शुक्ल, हिंदुस्तानी अकादमी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रोफेसर उदय प्रताप सिंह, डॉ जानकीशरण वर्मा, अयोध्या प्रसाद गुप्त कुमुद, कथाकार मैत्रेयी पुष्पा, विवेक मिश्र, गीतकार शैलेन्द्र के सुपुत्र दिनेश शंकर शैलेन्द्र, दुबई से शैलेन्द्र की सुपुत्री अमला शैलेन्द्र मजूमदार, डॉक्युमेंट्री निर्देशक डॉ रवीन्द्र कात्यायन, प्रो कुमुद शर्मा, डॉ नीलम राठी, प्रभात रंजन, फिल्मकार अकबर दादरी, आदम दादरी, आज तक की पत्रकार ऋचा अनिरुद्ध और नवीन कुमार, न्यूज 24 के पत्रकार सन्दीप चौधरी, फिल्म समीक्षक डॉ प्रह्लाद अग्रवाल, डॉ पवनपुत्र बादल, मीडिया विशेषज्ञ डॉ साकेत सहाय, प्रोफेसर सृष्टि माथुर, पंकज चतुर्वेदी, राजा बुन्देला, सुष्मिता मुखर्जी, डॉ शरद सिंह, संतोष भदौरिया, रोहित मिश्रा, डॉ नीति शास्त्री, आशीष कांधवे, डॉ रचना, लखनलाल पाल, राजीव रंजन प्रसाद, डॉ बहादुर सिंह परमार, प्रोफेसर आनंद प्रकाश त्रिपाठी, मुकुंद मेहरोत्रा, गीत चतुर्वेदी, नीलोत्पल मृणाल, अमित गुप्ता, डॉ ऋतु दुबे तिवारी, डॉ पंकज शर्मा, ललित शर्मा, डॉ लखन लाल खरे,अंकिता जैन, डॉ इन्द्रजीत सिंह, महेश कटारे सुगम, चरण सिंह पथिक, भगवंत अनमोल, माया विश्वकर्मा, महेन्द्र भीष्म, इन्दिरा दाँगी, गीतिका वेदिका, बालेन्द्र द्विवेदी, आयुषी पाण्डेय, समकालीन सभी पौराणिक एवं ऐतिहासिक धारावाहिकों के पटकथा लेखक सीएल सैनी, दीपक दुआ, डॉ केबीएल पाण्डेय, मयूरी डोंगरे, डॉ कुमारेन्द्र सिंह सेंगर, डॉ रामनारायण शर्मा, डॉ राजेश श्रीवास्तव, परितोष मालवीय, पन्नालाल असर, अंकिता जैन, कुलदीप राघव, अंकिता चौहान, आरिफ शहडोली, जितेंद्र विसारिया, प्रदीप कुमार, डॉ साफिया खान और झाँसी तथा आसपास के अनेक लेखक , मीडिया कर्मी, फिल्मकार सम्मिलित हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अन्तर्गत बुन्देली लोकगीतों, लोक नृत्यों, कोंच की रामलीला, लाला हरदौल, आल्हा, राई, सैरा, फ ाग, कछयाई, लमटेरा आदि की प्रस्तुतियां होंगी तथा देश के अनेक स्थानों से आने वाले कलाकार तथा स्थानीय कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे, जिनमें डॉ हरी सिंह गौर विश्वविद्यालय सागर, एकेटी विश्वविद्यालय सतना, भातखण्डे संगीत विश्वविद्यालय लखनउ,डॉ रवीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय कोलकाता तथा बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय झाँसी और राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त महाविद्यालय चिरगाँव एवं भोपाल, मऊरानीपुर, महोबा आदि के कलाकार शामिल हैं। जिन प्रकाशकों के आने की सूचना अब तक प्राप्त हुई है उनमें नेशनल बुक ट्रस्ट, राजकमल प्रकाशन, यश पब्लिकेशन, अटलांटिक पब्लिशर्स, किताब घर, राजपाल एंड संस, शिल्पायन, नेहा प्रकाशन, अनंग प्रकाशन, माया प्रकाशन, सत्यम प्रकाशन, अन्तिका प्रकाशन, सामयिक प्रकाशन, बोधि प्रकाशन शामिल हैं। क्राफ्ट मैदान में देश के विभिन्न स्थानों के हस्तशिल्पी अपने स्टालों के माध्यम से अपनी शिल्प कला का प्रदर्शन करेंगे तथा विभिन्न सरकारी विभाग अपने स्टाल लगाएंगे। यह जानकारी बीयू के हिंदी विभाग और शिक्षा संस्थान के अध्यक्ष व फेस्टिवल के संयोजक डॉ पुनीत बिसारिया और आयोजन सचिव चन्द्रप्रताप प्रताप राज ने दी है।