इंदौर मेंअभाविप की केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक में हुआ निर्णय
झाँसी। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक इंदौर में समाप्त हुई। दो दिवसीय बैठक में कई महत्वपूर्ण विषयों को लेकर के चर्चा हुई एवं वरिष्ठ स्तर पर दायित्व परिवर्तन भी किए गए। कानपुर प्रान्त संगठन मंत्री कमल नयन ने बताया कि इस बार अभाविप की वार्षिक सदस्यता ऑनलाइन अभियान के माध्यम से होगी। इस वर्ष सदस्यता छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए निशुल्क रहेगी। उन्होंने जानकारी दी की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने केंद्रीय बैठक में साल भर का कार्यवृत्त प्रस्तुत किया एवं विगत वर्ष रिकॉर्ड 33 लाख से अधिक अभाविप सदस्य बनाने को लेकर हर्ष व्यक्त किया। राष्ट्रीय महामंत्री ने बताया इस वर्ष करोना के कारण बदली हुई परिस्थितियों में भी अभाविप के सदस्य संपूर्ण मनोयोग से सामाजिक सरोकार के कार्यो से जुड़े रहे। विस्थापित मजदूरों को भोजन उपलब्ध कराना, मास्क वितरण, करोना से लोगों को जागरूक करना, कोरोना वॉरियर के रूप में कार्य करना, परिषद के कार्यकर्ता सदैव अपने दायित्व का निर्वहन करते रहे। वर्तमान में परिषद की पाठशाला के अंतर्गत गरीब एवं ऑनलाइन शिक्षा से वंचित छात्रों को निशुल्क शिक्षा मुहैया कराने में परिषद कार्यकर्ता जी जान से जुटे हैं। प्रांत संगठन मंत्री ने जानकारी दी की केंद्रीय बैठक में कुछ महत्वपूर्ण दायित्व परिवर्तन भी हुए हैं। पूर्व में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रकाशन प्रशिक्षण प्रमुख मनोजकांत जी को इतिहास संकलन समिति मे जिम्मेदारी का निर्वहन करेगे है तथा पूर्व में दिल्ली और उत्तर प्रदेश संपर्क प्रमुख सुनील वार्ष्णेय अब मजदूर संघ का कार्य देखेंगे। पूर्व में विश्व युवा संगठन का कार्य देख रहे नागराज रेड्डी संघ के आयाम ‘ विद्याभारती भारती’ का कार्य देखेंगे। इसी प्रकार पूर्व में ऑल इंडिया मेडिकल प्रमुख रामु जी संघ के आयाम ‘सक्षम’ का कार्य देखेंगे। प्रांत संगठन मंत्री ने बताया की कानपुर प्रांत के झांसी, हमीरपुर, चित्रकूट धाम, कानपुर, इटावा और उरई विभाग के 16 जिलों इस वर्ष एक लाख से अधिक अभाविप सदस्यता का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए कार्य योजना तैयार कर अभाविप के सभी दायित्व कार्यकर्ताओं को सूचना दे दी गई है।