झांसी। एआईआरएफ के आवाह्न पर नॉर्थ सेंट्रल रेलवे मैंस यूनियन के तत्वावधान में विरोध एवं जनजागरण सप्ताह के तहत बुधवार को मंडल सचिव आर एन यादव के नेतृत्व में निजीकरण,समयपूर्व जबरन सेवानिवृत्त, एनपीएस, मंहगाई भत्ता पर रोक, पदों का सरेंडर इत्यादि सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों का विरोध किया गया। इस दौरान मंडल सचिव ने कहा कि सरकार को रेल के बेचने का बहाना चाहिए इसलिये आईटी सेल के द्वारा सोशल मीडिया पर सरकारी कर्मचारियों को कामचोर, निकम्मा और बेईमान बताने का ट्रेंड चला रही है, इन्ही कामचोर निकम्मे और बेईमान कर्मचारियों ने अपनी मेहनत की बदौलत अपने राजनैतिक फायदों के लिये दी जाने वाली कई प्रकार की सब्सिडी और रियायतों के बावजूद रेल को फायदे में रखा और देश व समाज की दिनरात सेवा की। फिर भी सरकार षडयंत्र करके रेल को धीरे धीरे बेच रही है और निष्ठावान कर्मचारियों को भांति भांति से प्रताड़ित कर रही है, पिछले कुछ वर्षों में चलने वाली रेलों की संख्या दुगुनी हो चुकी है जबकि कर्मचारियों की संख्या दुगुनी होने की बजाय आधी हो गई है, एक कर्मचारी चार के बराबर कार्य कर रहा है फिर भी सरकार कभी समयपूर्व सेवानिवृत्ति की योजना बना रही है, गलत तरीके से डेढ़ वर्ष के डीए पर रोक लगा दी है, पदों को और भी कम करने जा रही है। इन सबका यूनियन विरोध करती है। उन्होंने कर्मचारियों को चेताते हुए कहा कि आने वाले समय में आर पार की लडाई के लिये तैयार रहें । विरोध प्रदर्शन में मंडल उपाध्याय अशोक त्रिपाठी, जगतपाल सिंह यादव, अजय शर्मा, डी के खरे, सुनील पाल सहित सभी कर्मचारियों के शाखा सचिव एवं अन्य पदाधिकारी शामिल रहे।