झांसी। पत्नी को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने का आरोप सिद्ध होने पर अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय सं०-१, संजय कुमार द्वितीय की अदालत में पति को चार वर्ष छह माह के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता तेज़ सिह गौर के अनुसार मोहन पुत्र हरदयाल निवासी मुहल्ला भदौरिया खिड़की, दतिया थाना कोतवाली जिला दतिया द्वारा -अन्तर्गत धारा १५६(३) द०प्र०सं० मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष देते हुए बताया था कि उसकी पुत्री भाग्यवती का विवाह हिन्दू रीति-रिवाज से संतराम पुत्र सन्टू सोनकर निवासी मुहल्ला कटरा थाना मउरानीपुर के साथ नौ वर्ष पूर्व सम्पन्न हुआ था। उस ने अपनी हैसियत के मुताबिक इनकी माग के अनुसर दान- दहेज सोने चादी के जेवर, कपड़े,गृहस्थी का सामान सब कुछ दिया था। शादी के बाद से ही सभी ससुराली जन भाग्य वती को आये दिन दहेज की मांग के कारण मारपीट कर शारीरिक एवं मानसिक यातनाएं देते रहते थे एवं ताने देते थे कि तुम्हाने पिता ने शादी में कुछ नही दिया अगर तुम अपने पिता से दो लाख रूपये नही लेकर आयी तो तुम्हे आग लगाकर जान से मार देंगे।16 मई 2015 को सुबह सभी ने एक राय होकर उस की पुत्री को मिटटी का तेल डालकर जिन्दा जला दिया। गंभीर हालत में भाग्यवती को मेडीकल कालेज,झाँसी लाया गया जहां शाम को उसकी मृत्यु हो गयी। घटना की रिपोर्ट थाना मउरानीपुर में लिखकर दी जिस पर तहरीर की प्रति थाने की मुहर लगाकर दे लेकिन प्रथम सूचना रिपोर्ट न ही लिखी।तब उसने वरिष्ठ पुलिसअधीक्षक, एवं आई०जी०जोन, कानपुर को पंजीकृत डाक से रिपोर्ट करने हेतु प्रार्थना पत्र भेजे, फिर भी रिपोर्ट दर्ज नहीं हुयी। न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया। न्यायालय में दोषसिद्ध पति संतराम को धारा ३०६ भाव्द०सं० के अन्तर्गत चार वर्ष छः माह के सश्रम कारावास की सजा एवं दस हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
अभियुक्त द्वारा प्रस्तुत प्रकरण में बितायी गयी जेल अवधि उसकी सजा मे समायोजित की जायेगी तथा उक्त आरोप में अधिरोपित अर्थदण्ड अदा न करने पर उसे एक माह केअतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।