फ़िल्म जगत से लेकर शैक्षणिक परिसरों में नशे पर लगे तुरंत रोक
झांसी। दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी वाला राष्ट्र भारत में युवायों में नशाखोरी एवं ड्रग्स के सेवन की समस्या सामने आ रही है. अभाविप के राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य एवं विभाग संगठन मंत्री अजय यादव ने बताया अभाविप के राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने इसको लेकर चिंता व्यक्त की है.
उन्होंने बताया की अभाविप की राष्ट्रीय मंत्री निधि त्रिपाठी देश के युवाओं से आवाहन किया है कि वो सही आदर्श चुनें एवं ‘नशा मुक्त पर्यावरण युक्त स्वस्थ भारत’ बनाने की दिशा में कार्य करें. इसके लिए समाज के सभी वर्गों को आगे आना चाहिए और व्यापक चर्चा करनी चाहिए कि नशाखोरी किस प्रकार शारीरिक स्वास्थ्य एवं सामाजिक जीवन के लिए नुकसानदायक है. सिनेमा की जिम्मेदारी समाज को दिशा देने की भी है. नशे के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष प्रचार के लिए फ़िल्म जगत से जुड़ा समुदाय भी जिम्मेदार है. सिनेमा जगत को तय करना होगा की वे समाज के सामने प्रेरणादायी छाप छोड़ें.
संगठन मंत्री ने जानकारी दी की अभाविप के राष्ट्रीय मंत्री अनिकेत ओव्हाल ने मुंबई में चल रहे प्रकरण में कहा है की, “सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में जाँच करते हुए मुंबई फ़िल्म जगत के अन्दर जिस प्रकार नशे का पूरा नेक्सस सामने आ रहा है उसकी समुचित जाँच होनी चाहिए तथा नशे के इस कारोबार के फलने-फूलने के लिए जिम्मेदार सभी दोषियों पर उचित करवाई होनी चाहिए.
संगठन मंत्री अजय यादव ने कहा कि नशीलें तत्वों का दंश देश के परिसरों पर हावी है. इसे बढावा देने में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से एक बड़ा हाथ देश के मनोरंजन उद्योग का भी रहा है. सितारों द्वारा नशे के सेवन को “कूल” एवं स्वचंद्ता के प्रतीक की तरह फ़िल्मों, गानों, टीवी, एवं वेब सीरीजों में दिखाया जाना एवं अपने निजी जीवन में भी ऐसे मादक पदार्थों का सेवन युवा वर्ग के सम्मुख एक आभासीय प्रतिष्ठा का गलत उदाहरण पेश करता है. अभाविप मानती है कि नशाखोरी परिसर संस्कृति को भंग करने वाली एवं युवाओं में ही नहीं अपितु पूरे परिवार में अशांति का कारक बनती है. नशीली दवाइयों का सेवन प्राणघातक तक साबित होता है जो देश के भविष्य पर कुठाराघात है. उन्होंने कहा की शैक्षिक परिसर खुलने के बाद अभाविप इसको लेकर विश्वविदयालय एवं महाविद्यालय स्तर पर जागरूकता अभियान चलाएगी।