झांसी। रेलवे बोर्ड पत्र संख्या 83/2020 दिनांक 29 सितंबर 2020 नाइट ड्यूटी एलाउंस सीलिंग लिमिट 43600 नाइट ड्यूटी की गणना करने के लिए अब बेसिक पे 43600 के आधार पर ही की जाएगी इसके विरोध में भारतवर्ष के 39000 स्टेशन मास्टर 20 अक्टूबर से तीसरे चरण का विरोध काला सप्ताह मनाया जा रहा है। गौरतलब है कि प्रथम चरण में एस्मा के पदाधिकारियों द्वारा रेलवे बोर्ड के अधिकारियों को ई-मेल भेजकर के विरोध जताया गया। दूसरे चरण में भारतवर्ष के स्टेशन मास्टरों ने 15 अक्टूबर को रात्रि ड्यूटी शिफ्ट में स्टेशन की लाइट बंद करके मोमबत्ती जलाकर के विरोध प्रदर्शन किया गया। अब तीसरे चरण का विरोध प्रदर्शन ट्रेन संचालन को सुचारू रूप से रखते हुए 20 से 26 अक्टूबर तक काला फीता लगा कर के अपनी ड्यूटी करना प्रारंभ कर दिया है। मंगलवार को आर आर आई झांसी से मंडल सचिब एस्मा झांसी अजय दुबे द्वारा इस विरोध प्रदर्शन की शुरआत रात्रि 12 बजे से 00/08 शिफ्ट से अपने साथिओं एस के अवस्थी, ब्रजेश पाठक, गरिमा तिवारी के साथ कि गई। झांसी मंडल के समस्त स्टेशन पर स्टेशन मास्टर्स अपनी अपनी शिफ्ट में काला फीता लगा कर ड्यूटी करेंगे। अगर आदेश को प्रशासन के द्वारा रद्द नहीं किया गया तो चौथे चरण में 31 अक्टूबर को भारतवर्ष के समस्त ऑन ड्यूटी एवं ऑफ ड्यूटी स्टेशन मास्टर 12 घंटे की भूख हड़ताल पर जाएंगे। जो आदेश अभी हाल ही में रेलवे बोर्ड के द्वारा जारी किया गया है इससे पूर्व भी नाइट ड्यूटी का पत्र रेलवे बोर्ड के द्वारा ही पत्र संख्या 36/2018 दिनांक 8 मार्च 2018 को जारी किया गया था जिसमें किसी भी प्रकार का विचाराधीन मामला नहीं बताया है जबकि जो वर्तमान में पत्र जारी किया गया है उसकी लागू होने की तिथि एक जुलाई 2017 दी गई है जिसका कोई औचित्य नहीं है पत्र 2018 में लागू होने के बाद रेलवे बोर्ड ने 1 जुलाई 2017 से नाइट ड्यूटी का एरियर भी कर्मचारियों को दिया है जो कैटेगरी संरक्षा के साथ अनवरत रूप से नाइट ड्यूटी करती हैं उनके साथ ऐसा व्यवहार रेलवे प्रशासन के द्वारा संरक्षा के के साथ खिलवाड़ है ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर एसोसिएशन ऐसे आदेशों का वैधानिक तरीके से घोर विरोध करता है और प्रशासन को चेतावनी देता है की इसके बाद भी प्रशासन के द्वारा यह आदेश वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन तेज किया जाएगा जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी रेल प्रशासन की होगी।