झांसी। पुलिस द्वारा झांसी जिले में पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य को घर में नजर बंद करने के मामले में उनके पुत्र ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर पिता को पुलिस के उत्पीड़न से मुक्त कराने और घटना की जांच की मांग की है।

पत्र में कहा गया है कि पुलिस की नजरबंदी के चलते पिता मंदिर भी नहीं जा पा रहे हैं। दरअसल, कांग्रेस की गाय बचाओ, किसान बचाओ पदयात्रा में शामिल होने जा रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य को पुलिस ने उनके सिविल लाइंस स्थित आवास पर नजर बंद कर दिया था। इसे लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने घर पर ही अनशन शुरू कर दिया। इसके साथ ही पुलिस ने कांग्रेस के कई नेताओं को नजरबंद तो किया ही साथ ही पाबंदी का उल्लंघन करते कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की गई। इस हालत में पूर््व मंत्री के पुत्र गौरव जैन ने प्रधान न्यायाधीश शरद अरविंद बोबड़े को पत्र लिखकर पिता और अन्य कांग्रेस नेताओं पर हो रहे पुलिसिया उत्पीड़न से मुक्त कराने की मांग की है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने उनके पिता का घर से निकलना बंद कर दिया है। इसके चलते वे मंदिर नहीं जा पा रहे हैं। वहीं पिता समाजसेवी और राजनेता हैं, उनको क्रिसमस और शहीदी दिवस के कार्यक्रम में शामिल होने से रोका गया। पिता के साथ प्रशासन जानबूझकर ऐसा कर रहा है। उन्होंने कहा कि पिता के मूलभूत अधिकारों का हनन किया जा रहा है। अघोषित आपातकाल जैसी स्थिति बना दी गई है। उन्होंने प्रधान न्यायाधीश से घटना की जांच कराने के साथ न्याय दिलाने और नजरबंदी से मुक्त कराने की मांग की है। इधर सोमवार को नजरबंदी हटा दी गई।