जंजीर डालकर कोहनी के बल चलाया, जमकर पीटा

झांसी/मुरैना। इसे किस्मत अच्छी ही माना जाएगा कि झांसी से अपर्हत प्रसिद्ध चिकित्सक राधकृष्ण गुरु बख्सानी फिरौती के लिए राजस्थान के गुज्जर गिरोह के हाथों बिकने से बच गए नहीं तो अपहरणकर्ताओं ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी। झांसी पुलिस चिकित्सक की खोज के लिए झांसी में हाथ पैर मारती रही और अपहरणकर्ता चिकित्सक का अपहरण कर सैंकड़ों किमी दूर मुरैना ले गए। वहां मप्र पुलिस की सक्रियता देख कर पकड़ को खेत में छोड़ कर रफूचक्कर हो गये। चिकित्सक के सकुशल मिलने पर सभी ने राहत की सांस ली है।

किस्मत से बचे 62 वर्षीय डॉक्टर ने मप्र पुलिस को बताया कि अपहरणकर्ताओं ने उसके हाथों और पैरों में बेड़ियां डालकर पीटते हुए खेत में एक किलोमीटर तक कुहनी के बल चलाया था फिर मुरैना के सिविल लाइन थाना क्षेत्र के हिंगोना ग्राम के पास एक खेत में छोड़कर भाग निकले। दरअसल, इस इलाके में मुरैना पुलिस बदमाशों की तलाश में जुटी हुई थी। पुलिस की सक्रियता देख कर अपहरण करने वालों ने डॉक्टर को छोड़ कर भागने में भलाई समझी। बदमाशों के भागने के बाद चिकित्सक पुलिस के पास पहुंच गया। पुलिस डॉक्टर की हालत देखकर दंग रह गई। डॉक्टर ने अपना नाम राधकृष्ण गुरु बख्सानी निवासी झांसी बताया। उनका कहना था कि डकैतों ने शुक्रवार सुबह पांच बजे झांसी–कानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग से हथियारों के दम पर यह कहकर अगवा किया कि ददुआ का भतीजा बीमार है उसको दिखाकर छोड़ जाएंगे। डॉक्टर का कहना है कि बाद में बदमाशों ने काफी प्रताड़ित किया। शुक्रवार रात को ही मुरैना लाया गया। पैरों में बेड़ियां डालकर एक किलोमीटर कोहनियों के बल खेतों में चलवाया। भीषण सर्दी होने पर जब चलने में असमर्थ हुए तो उन्हें पीटा भी गया और जबरन चलने को मजबूर किया गया। हालत देख कर मुरैना पुलिस ने तत्काल उन्हें अस्पताल ले जाकर इलाज कराया और झांसी पुलिस को इसकी सूचना दी।

डॉक्टर ने पुलिस को बताया कि बदमाशों ने उन्हें उठाकर पहले कार की सीट पर बिठाया और आगे ले जाकर कार की डिक्की में डाल दिया। इसके बाद सभी झांसी से ग्वालियर आये और दिन भर ग्वालियर में कार में ही घुमाते रहे। रात को मुरैना लेकर पहुंचे फिर खेत में ले गए। वहां बेड़ियों में जकड़कर कोहनी के बल एक किलोमीटर चलाया फिर खेत के छोड़कर बाहर चले गए। इधर, सूचना मिलने पर झांसी पुलिस व अपहृत के परिजन मुरैना पहुंच गए हैं। बताया गया है कि अपहरणकर्ताओं ने उनके परिवार से अभी तक कोई संपर्क नहीं किया और न ही फिरौती के लिए कोई फोन किया। पुलिस मानकर चल रही है कि रात को अगर अपहृत पुलिस के कब्जे में नहीं आता तो अपहरणकर्ता उसे राजस्थान के गुज्जर गैंग को सौंप सकते थे। उसके बाद ही फिरौती के लिए कॉल पहुंचता। फिलहाल झांसी आने पर डॉक्टर से पूछताछ होने के बाद ही मामले का सही-सही खुलासा हो सकेगा।