– कार्यकर्ताओं का जमघट, बबीना विधायक ने भी डेरा डाला, पुलिस के खिलाफ की नारेबाजी

झांसी। उत्तर प्रदेश के झांसी जिला के गरौठा विधायक जवाहर लाल राजपूूत को अपनी ही सरकार में न्याय की मांग को लेकर शनिवार को तड़के 2 बजे से उस समय मुख्यालय पर थाना नवाबाद में धरना पर बैठना पड़ा जब पंचायत चुनाव में हुई बूथ कैप्चरिंग के मामले में कचहरी में विधायक के बस्ते से समर्थकों को पकड़ कर धुनाई कर दी और जिलाधिकारी व एस एस पी ने कोई ध्यान नहीं दिया।

धरना दे रहे विधायक ने आरोप लगाया कि उनके विधानसभा क्षेत्र में समथर के दतावली मतदान केंद्र पर पंचायत चुनाव में मतदान के दौरान जिन लोगों ने बूथ कैप्चरिंग की, पुलिस उन्हें बचाना चाहती है और जिन लोगों ने बूथ कैप्चरिंग का विरोध किया, उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। विधायक ने कहा कि जिन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उन्हें जब तक रिहा नहीं किया जाता, वे धरने पर बैठे रहेंगे। उन्होंने बताया कि दतावली कला के ग्राम प्रधान के 10 में से नौ प्रत्याशियों ने आरोप लगाया था कि पुलिस, प्रशासन व पीठासीन अधिकारी ने मिलकर बूथ कैप्चरिंग कराई है। इसका विरोध और शिकायत के लिए वह जिलाधिकारी और एसएसपी से मिलना चाह रहे थे। विधायक के मुताबिक दतावली ग्राम के प्रधान और बीडीसी के पीड़ित प्रत्याशी कचहरी झांसी आए थे, वह डीएम और एसएसपी को शिकायती पत्र देने आए थे। विधायक ने बताया कि उन्हें एसएसपी ने मिलने का समय दिया, लेकिन उनसे मिलने से पहले ही प्रत्याशियों को अरेस्ट करा लिया और हमारे सामने करा लिया। विधायक ने एसओजी टीम पर उनके साथ भी बुरा बर्ताव करने के आरोप लगाए हैं। विधायक ने कहा कि जब तक गिरफ्तार लोगों को छोड़ेंगे नहीं, वह धरने से नहीं उठेंगे।
भाजपा विधायक ने धांधली का लगाया आरोप लगाते हुए कहा कि जिन्होंने बूथ कैप्चरिंग की है, पुलिस और प्रशासन उन्हें बचाना चाहता है। दस में से नौ प्रत्याशी एक तरफ हैं और एक प्रत्याशी एक तरफ है। पुलिस और जिला प्रशासन ने मिलकर बूथ कैप्चरिंग कराई है। जो लोग शिकायत करने आए, उन्हें शिकायत के पहले ही अरेस्ट करा लिया गया। उन्होंने सभी अधिकारियों से बात की, लेकिन कोई आश्वासन नहीं मिला है। विधायक धरने पर बैठ जाने पर नवाबाद थाने में समर्थकों की भीड़ जुटना शुरू हो गई। बबीना विधायक राजीव सिंह पारीछा भी थाना पहुंच गए।

बता दें कि समथर के दतावली गांव में फर्जी वोट डालने को लेकर बवाल हुआ था और कुछ लोगों ने मतपेटी भी लूट ली थी। इसके बाद प्रशासन ने दोबारा मतदान के आदेश दिए थे। बूथ कैप्चरिंग व मतपेटी लूटने के आरोपियों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। विधायक ने बताया कि ग्राम प्रधान पद के 9 प्रत्याशी अपनी शिकायत करने के लिए उनके कचहरी स्थित बस्ते पर आए थे। उन्होंने ग्रामीणों की मुलाकात एसएसपी व डीएम से कराने के लिए अधिकारियों से समय मांगा था। इसी बीच एसओजी टीम उनके बस्ते पर पहुँच गयी और और वहाँ बैठे दतावली के प्रत्याशियों समेत कई लोगों को जबरन उठाकर ले जाने लगी। जब उन्होंने इसका विरोध किया तो उनकी नहीं सुनी गई और उन्हें भी उठाकर ले चलने को कहा गया। बाद में जब पता चला कि वह विधायक हैं तो उन्हें छोड़ दिया गया। घटना से गुस्साए विधायक ने अधिकारियों से संपर्क कर बताया कि पकड़े गए लोग निर्दोष हैं और उन्हें छोड़ा जाए। लेकिन अधिकारियों ने उनकी बात नहीं सुनी। नाराज विधायक रात लगभग 2 बजे सीधे नवाबाद थाने पहुँच गए और धरना शुरू कर दिया। विधायक का कहना है जब तक न्याय नहीं मिलता वह धरना जारी रखेंगे।
इसके बाद विधायक द्वय को अधिकारियों ने मिलने बुला कर मनामनौब्बल की और आश्वस्त किया कि जो लोग ग़लत पकड़े गए हैं और तत्काल छोड़ा जा रहा है। इसके बाद विधायक द्वय थाने पहुंचे और समर्थकों को समझाने का प्रयास किया। इस दौरान समर्थकों ने भड़कते हुए एसओजी पर बर्बरता से पिटाई का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। गुस्साए भाजपाईयों ने थाने में पुलिस अधिकारियों के मुर्दाबाद के नारे लगाए। पीड़ितों का कहना है कि वह इस मामले में नहीं थे, फिर भी पुलिस ने उनके साथ अमानवीय बर्ताव किया। इस दौरान पुलिस बैकफ़ुट पर नजर आयी। जब एक अधिकारी ने थाने से जाने का प्रयास किया तो महिलाएं गाड़ी के आगे आ गयीं, मजबूरन अधिकारी को उतरना पड़ा। थाने में मौजूद पुलिस अधिकारी व फोर्स मूकदर्शक बना रहा। कार्यकर्ताओं ने दोषी एसओजी टीम के खिलाफ कार्यवाही की मांग की। थाने पर एसपी सिटी विवेक त्रिपाठी, एसपी देहात नेपाल सिंह व सीओ सिटी राजेश कुमार सिंह सहित कई थानों का फोर्स मौके पर पहुँच गया।

एसपी सिटी डॉ. विवेक त्रिपाठी ने बताया कि थाना समथर क्षेत्र में मतदान को लेकर विवाद की स्थिति हो गई थी। मामले को लेकर मुकदमा दर्ज कर लिया गया था। विधायक ने कुछ बिंदु उठाए हैं, जिनका उच्च अधिकारियों ने संज्ञान लिया है। शीघ्र ही समस्या का समाधान करा लिया जाएगा और कार्रवाई की जाएगी।