झांसी। लगता है कि प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा व समस्याओं के समाधान हेतु कटिबद्ध योगी सरकार के प्रयासों को जिम्मेदार मातहत ही बैनर पोस्टर्स तक सीमित कर पलीता लगाने में जुटे हैं। झांसी के थाना कोतवाली पुलिस की अनसुनी/उपेक्षा से आहत होकर मंगलवार को एक महिला के अग्नि स्नान की घटना कमोवेश यही साबित करती है। व्यवस्था को आयना दिखाती है पीड़ित महिला मेडिकल कालेज में जिंदगी व मौत के बीच झूल रही है।

थाना कोतवाली क्षेत्र के झरना शनि मंदिर के सामने निवासी मुकेश पाठक ने अपनी एक दुकान कुछ लोगों को होटल चलाने के लिए दे दी थी। आरोप है कि उक्त लोग होटल की आड़ में अवैध कार्य करने लगे थे। जब इसका पता मुकेश की पत्नी ज्योति पाठक को लगा तो उन्होंने किराएदारों को मना दुकान खाली करने को कहा, लेकिन दुकान खाली नहीं की। परेशान ज्योति ने इस मामले में कोतवाली पुलिस से शिकायत करते हुए दुकान खाली कराने में मदद मांगी। आरोप है कि कई बार शिकायत के बाद भी ज्योति को पुलिस से कोई मदद नहीं मिली। इसके विपरीत किराएदारों ने ज्योति को धमकी दी। पुलिस की मदद न मिलने व दुकान खाली नहीं होने से परेशान ज्योति ने मंगलवार को घर में आग लगाकर जान देने की कोशिश की। परिजनों ने उसे गम्भीर हालत में मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया है। महिला ने अपने बयान में दो लोगों के नाम पुलिस को बताए हैं।

पुलिस बता रही ननद-भाभी का विवाद 
मेडिकल कालेज में मौजूद परिजनों का आरोप है कि यदि उनकी शिकायत पर कोतवाली पुलिस कार्यवाही करती तो यह घटना न होती। उन्होंने पुलिस पर आरोपियों से मिले होने के भी आरोप लगाए। हालांकि पुलिस इसे दुकान को लेकर ननद व भाभी का विवाद बता कर पल्ला झाड़ने में जुट गई है। पुलिस विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि जिस जमीन पर दुकान बनी है वह सेना की जमीन है और उसका पट्टा ज्योति की ननद के नाम है। उक्त दुकान ननद से बिना पूछे ज्योति ने नितिन साहू निवासी रानीमहल को किराए पर दो माह पूर्व दी थी। ननद द्वारा किराया मांगे जाने से नाराज ज्योति ने आग लगा ली। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया गया है।