– मौत पर अनुत्तरित सवालों का घेरा, कड़ी पुलिस सुरक्षा में अंतिम संस्कार

झांसी। जिले के थाना नवाबाद की इलाइट पुलिस चौकी के टॉयलेट में 25 सितंबर को पुलिस कस्टडी में कथित फांसी लगाने वाले सराफा कारोबारी अजय सोनी मेडिकल कॉलेज में जिंदगी के लिए जूझते जूझते मौत से 15 नवंबर की देर-रात हार गया, किंतु पुलिस की कार्यप्रणाली पर ऐसे सवालों की लम्बी लिस्ट छोड़ गया जिनके उत्तर मिलना मुश्किल है।

अजय की मौत की सूचना मिलते ही सरकारी मशीनरी के हाथ-पैर फूल गए। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए। शव के पोस्टमार्टम के बाद भारी पुलिस बल की मौजूदगी में शव का अंतिम संस्कार करा दिया गया और क्षेत्र में पुलिस तैनात कर दी गई।

दरअसल, बरुआसागर के मिलान मोहल्ला निवासी ट्रांसपोर्टर अरविंद गुप्ता के 23 सितंबर को मेडिकल कॉलेज से अचानक लापता हो गया था। पुलिस को जांच पड़ताल में मालूम चला कि उसकी आखिरी मुलाकात बरुआसागर निवासी सराफा कारोबारी अजय सोनी उर्फ सेठ के साथ हुई थी। अजय का पूर्व में आपराधिक रिकॉर्ड भी रहा है। इस जानकारी के बाद अजय को 25 सितंबर को नवाबाद थाने में बुलाया गया था जहां से उसे इलाइट चौकी ले जाकर पूछताछ का सिलसिला शुरू हो गया। अजय ने कथित रूप से रविवार को प्रातः करीब पांच बजे पुलिस चौकी के शौचालय के जंगले से अपनी शर्ट से फांसी लगा ली। उसे मरणासन्न अवस्था में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया। जहां उसकी हालत लगातार गंभीर बनी हुई थी। लगातार वह डॉक्टरों की गहरी निगरानी में था लेकिन, उसकी हालत में कोई भी सुधार नहीं हुआ। आखिरकार सोमवार की रात उसकी मौत हो गई।

जब अजय को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था तभी परिजनों ने आरोप लगाया था कि पुलिस वालों ने पूछताछ के नाम पर जमकर मारपीट की थी, जिससे उसकी हालत बिगड़ी। अजय के छोटे भाई हेमंत सोनी ने भी थर्ड डिग्री उत्पीड़न/जमकर मारपीट से हालत बिगड़न  का आरोप लगाया था। इस मामले की जांच एसपी आरए नैपाल सिंह द्वारा की जा रही थी, किंतु जांच के इंतजार में अजय मौत के आगोश में चला गया। अजय के परिजनों ने भी पुलिस अभिरक्षा में मौत का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री से भी न्याय की गुहार लगाई है।

तीन पुलिसकर्मियों पर गिर चुकी गाज
इस मामले में तत्कालीन नवाबाद इंस्पेक्टर विजय पांडेय समेत दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था। एसएसपी शिवहरि मीना ने इस मामले की जांच एसपी आरए नैपाल सिंह को सौंपी थी लेकिन, आज तक यह जांच भी पूरी नहीं हो सकी है। अब अजय सोनी की मौत के बाद सवालों से घिरा यह मामला एक बार फिर से बाहर आ गया।

मृतक के परिजन बोले, दोषियों के खिलाफ हो सख्त कार्यवाही – मृतक का भाई चिंटू सोनी और मां का कहना है कि पूछतांछ के दौरान पुलिस ने अजय सोनी की बेरहमी से पिटाई की थी। जब वह मरणासन्न हालत में पहुंच गया तो स्वयं पुलिस वालों ने उसे उपचार के लिए झांसी मेडिकल कालेज में भर्ती कराया। इसके बाद उन्हें सूचना दी गई कि अजय सोनी की तबियत खराब हो गई और वह मेडिकल कालेज में भर्ती कराया। मेडिकल कालेज में पहुंचने उन्हें पता चला कि अजय की हालत गम्भीर है और उसे बेंटीलेटर पर लिटाया। आखिर में उसकी मौत हो गई। परिवार ने आरोप लगाते हुए कहा कि उसकी मौत के दोषी पुलिस स्टाफ, अरविंद गुप्ता और उसका परिवार है। मृतक के भाई चिंटू ने कहा कि उसके भाई के मौत के दोषियो के खिलाफ कार्यवाही हो तभी उसे न्याय मिलेगा।