लखनऊ/ झांसी। झांसी की गरौठा सीट से पूर्व सपा विधायक दीप नारायण यादव की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में दो माह पूर्व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का मुकदमा के बाद लेखराज प्रकरण में गिरफ्तारी और अब प्रयागराज यूनिट में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है। आय से संपत्ति के मुकदमे को आधार बनाते हुए यह एफआईआर दर्ज की है।

सपा नेता दीप नारायण पर लगे आरोपों की फेहरिस्त लंबी है। आरोप है कि विधायक रहते हुए काली कमाई अर्जित की। दीपनारायण सपा से दो बार विधायक और मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके है। विजिलेंस की जांच रिपोर्ट के अनुसार दीपनारायण यादव ने लोक सेवक रहते हुए वैध श्रोतों से 14 करोड़ 30 लाख 31 हजार 444 रुपये की आय अर्जित की थी, लेकिन जांच में सामने आया कि उन्होंने आय से ढाई गुना अधिक 37 करोड़ 32 लाख 55 हजार 884 रुपये खर्च किए जो वैध कमाई से 23 करोड़ 2 लाख 24 हजार 400 रुपये ज्यादा हैं।

झांसी के गरौठा विधानसभा क्षेत्र से दो बार सपा से विधायक रहे दीपनारायण सिंह यादव के खिलाफ साल 2006 से 2016 के बीच खनन के जरिए अवैध संपत्ति जुटाने के आरोप लगे थे। इसकी शिकायत के बाद अप्रैल 2021 में शासन की संस्तुति पर विजलिंस ने जांच शुरू की थी। विजिलेंस ने पूर्व विधायक के फ्यूचर टैंक हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड, बीडी बिल्डर एसोसिएट, मोना कंस्ट्रक्शन ग्रेनाइट, एसआर रेजीडेंसी प्राइवेट लिमिटेड, मून सिटी स्केप बिल्डर प्राइवेट लिमिटेड, रामदेवी प्राइवेट लिमिटेड, रामादेवी एजुकेशनल फाउंडेशन ट्रस्ट जरहा खुर्द मोंठ, डीएसएस रियल स्टेट प्राइवेट लिमिटेड जरहा खुर्द, टीकाराम यादव स्मृति महाविद्यालय मोंठ, टीकाराम विधि महाविद्यालय मोंठ, डॉ. राममनोहर लोहिया आईटीआई कॉलेज जरहा खुर्द, रामादेवी इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड, डीएनए प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स मां पीतांबरा प्राइवेट लिमिटेड समेत अन्य कई अचल संपत्तियों को जांच के दायरे में रखा था।

 

राजनैतिक यात्रा

दीपनारायण सिंह यादव की राजनीतिक शुरुआत छात्र नेता के रूप में वर्ष 1986 से हुई थी। इसके बाद वर्ष 1991 में समाजवादी युवजन सभा जिला अध्यक्ष, 1993 से 1998 तक झांसी जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष रहे थे। 1998 में मध्यप्रदेश की निवाड़ी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले दीपनारायण 2007 और 2012 के विधान सभा चुनाव में गरौठा सीट पर सपा से विधायक चुने गए थे। दीपनारायण मध्यप्रदेश के सपा प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

पूर्व विधायक, परिजनों व करीबियों के रिकार्ड दायरे में
जल्द ईडी अपनी जांच शुरू करने जा रही है। जांच में पूर्व विधायक और उनके परिवार के सदस्यों के नाम से दर्ज और बैनामी संपत्तियों के रिकॉर्ड खंगाले जाएंगे। इतना ही नहीं, पूर्व विधायक के करीबी भी जांच के जद में आएंगे। इसके अलावा सभी के बैंक खाते, शेयर, कंपनियों व अन्य लोगों से लेनदेन की भी गहराई से पड़ताल होगी।