झांसी। अपर सत्र न्यायाधीश (द्रुतगामी न्यायालय महिलाओं के विरूद्ध अपराध) अविनाश कुमार सिंह की अदालत में रंजिशन मासूम का अपहरण कर हत्या का दोष सिद्ध होने पर अभियुक्त को आजीवन सश्रम कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया गया।

विशेष शासकीय अधिवक्ता संजय कुमार पाण्डेय के अनुसार ग्राम सरवाँ निवासी वादी मुकदमा बद्री प्रसाद पुत्र लक्ष्मन सिंह वंशकार ने थाना बबीना में तहरीर देते हुए बताया था कि 09 अगस्त 2017 को समय करीब 4 बजे उसका करीब पांच वर्षीय लड़का प्रिन्स खेलते-खेलते गुम हो गया है, काफी तलाश के बाद भी नहीं मिला है। तहरीर के आधार पर अज्ञात अभियुक्त के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गयी।

इसके बाद 14 अगस्त 2017 पुनः तहरीर देते हुए वादी मुकदमा भूरा उर्फ बद्री वंशकार ने बताया कि उसका लड़का प्रिंस उम्र 5 वर्ष के 09 अगस्त 2017 के खेलते समय गुम हो जाने की रिपोर्ट लिखाई थी ।11 अगस्त को लड़के प्रिंस का शव सुनील वंशकार के घर के सामने महुबा के पेड़ के पास झाड़ियों में पड़ा मिला था ,जिसकी सूचना चौकीदार के माध्यम से थाने पर भिजवाई थी। पंचायतनामा की भी कार्यवाही की गयी थी।

क्रिया कर्म के बाद गांव के लोगों व रिश्तेदारों का सांत्वना देने के लिए आना जाना लगा रहा था। इसी बीच गांव के धर्मेन्द्र ने बताया कि 09 अगस्त को शाम उसने प्रिंस को सुनील बरार पुत्र शिवदयाल को हाथ पकड़कर घर की तरफ ले जाते देखा था । गांव के ही सीता राम बरार ने बताया कि उसने भी प्रिंस का हाथ पकड़े सुनील को अपने घर के अन्दर ले जाते देखा था । मनकू ने बताया कि वह शुक्रवार की सुबह करीब 5.30 बजे जब खेतों पर जा रही थी तभी सुनील बरार को एक बोरी भरी अपने घर के आगे महुआ पेड़ के नीचे झाड़ियों में फेकते देखा था। सुनील पुत्र शिवदयाल व लाला राम पुत्र काशीराम और वादी मुकदमा साथ- साथ ग्राम बिजौर (म०प्र०) में पानी की टंकी बनाने का काम करते थे, किन्तु कुछ दिन बाद सुनील के ज्यादा शराब पीने पर रोजाना विवाद करने के
कारण वादी मुकदमा ने उसे अपने साथ खाना खाने से मना कर दिया था तथा शराब पीने के कारण उसकी मजदूरी का पैसा रूक गया था जिसका कारण वह वादी मुकदमा को ही समझता था, उसी समय इन्हीं बातों को लेकर सुनील ने वादी मुकदमा को बर्बाद करने की धमकी दी थी। उसको विश्वास हो गया है कि प्रिंस की हत्या करने की नियत से सुनील बरार ने हत्या की है तथा शव छिपाकर पेड़ के नीचे झाड़ियों में डाल दिया था।

न्यायालय में प्रस्तुत साक्ष्यों एवं गवाहों के आधार पर दोषसिद्ध सुनील बरार पुत्र शिवदयाल बरार को धारा- 363 भा०दं०सं० में सात वर्ष के सश्रम कारावास तथा 10,000 रुपये अर्थदण्ड ,धारा-364 भा०द०सं० में दस वर्ष के सश्रम कारावास, 10,000 रुपयेे अर्थदण्ड व धारा 302 भा०द०सं० के अपराध में आजीवन सश्रम कारावास तथा 50,000 रुपये अर्थदण्ड व धारा-
201 भा०द०सं० के अपराध में सात वर्ष के सश्रम कारावास तथा 10,000 रुपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। अभियुक्त द्वारा धारा- 363 भा०दं०सं० के तहत अधिरोपित अर्थदण्ड अदा न करने की दशा में एक माह ,
धारा- 364, भा०दं०सं० के तहत अधिरोपित अर्थदण्ड अदा न करने की दशा में एक माह, धारा 302 भा०दं०सं० के तहत अधिरोपित अर्थदण्ड अदा न करने की दशा में छः माह व धारा- 201 भा०दं०सं० के तहत अधिरोपित अर्थ दण्ड अदा न करने की दशा में एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अधिरोपित अर्थदण्ड की धनराशि में से 50 प्रतिशत धनराशि प्रतिकर के रूप में मृतक प्रिन्स के पिता/वादी मुकदमा को धारा-357 दं०प्र०सं० के अन्तर्गत नियमानुसार दी जायेगी।