कला व तकनीक के समन्वय से शैक्षणिक क्षेत्र में आएगा सकारात्मक बदलाव- कुलपति प्रो. पांडे

झांसी। नई शिक्षा नीति में एक विश्वविद्यालय के पास उपलब्ध संसाधनों का अधिक से अधिक छात्र उपयोग कर सकें इसके लिए विश्वविद्यालयों के बीच समन्वय अनुबंध होना आवश्यक है। इससे जहां छात्रों की शोध परखता एवं नवाचार के प्रति दृष्टिकोण में वृद्धि होगी वही समग्र रूप से राष्ट्रीय शैक्षिक माहौल को भी लाभ मिलेगा। उक्त विचार विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडे ने बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मुकेश पांडे के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर करते समय व्यक्त किए।

उन्होंने हरित स्नातक, हॉस्पिटल प्रबंधन, धार्मिक एवं खेल पत्रकारिता जैसे अनेक शैक्षणिक पाठ्यक्रमों के साथ नई शिक्षा नीति से जुड़े अन्य विषयों की विश्वविद्यालय के शिक्षकों के साथ चर्चा की। कुलपति प्रोफेसर मुकेश पांडे ने कहा कि इस एमओयू के माध्यम से दोनों विश्वविद्यालयों के मध्य छात्र एवं शिक्षकों का आदान-प्रदान, म्यूच्यूअल प्रोग्राम्स आदि क्षेत्रों पर कार्य किया जाएगा। विक्रम विश्वविद्यालय, सांस्कृतिक रूप से संपन्न विश्वविद्यालय है निश्चित ही इसका लाभ हमारे विश्वविद्यालय को मिलेगा।

इसके पूर्व कुलसचिव विनय कुमार सिंह ने अतिथि कुलपति का स्वागत करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति के अनुपालन में इस प्रकार के एमओयू से सहायता मिलेगी। अतिथि कुलपति ने पत्रकारिता विभाग की नवनिर्मित मीडिया लैब का अवलोकन कर बीयू संवाद कार्यक्रम में सहभागिता कर शैक्षणिक परिदृश्य पर अपने विचार प्रस्तुत किए। इस अवसर पर वित्त अधिकारी वसी मोहम्मद, प्रोफेसर आरके सैनी, प्रोफेसर सी बी सिंह, प्रोफेसर पूनम पुरी, प्रोफेशन अर्चना वर्मा, प्रोफेसर एम एम सिंह, प्रोफेसर एसपी सिंह, अनिल बोहरे, अतुल खरे, इंजीनियर अनुपम व्यास डॉ कौशल त्रिपाठी डॉक्टर राजेश पांडे डॉक्टर सक्सेना डॉ संतोष पांडे के साथ अनेक शिक्षक उपस्थित रहे।