सुन्दर भवन में श्रद्धांजलि संगोष्ठी एवं कवि सम्मेलन सम्पन्न

झांसी। बुंदेलखंड पृथक राज्य आंदोलन के प्रणेता, बुंदेलखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक एवं वरिष्ठ समाजसेवी कीर्तिशेष शंकरलाल मेहरोत्रा की 20 वी पुण्यतिथि पर सुंदर भवन पर श्रद्धांजलि संगोष्ठी एवं कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ।

इस दौरान दैनिक जागरण के निदेशक यशोवर्धन गुप्त की अध्यक्षता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य के मुख्य आतिथ्य में आहूत इस कार्यक्रम में वक्ताओं ने कीर्तिशेष शंकरलाल मेहरोत्रा के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला एवं उनके संस्मरण सुना कर पृथक बुंदेलखंड राज्य निर्माण आंदोलन में दिए अभूतपूर्व योगदान को सराहा।
कार्यक्रम में बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा के भानु सहाय ने कहा कि शंकरलाल मेहरोत्रा जी ने पृथक बुंदेलखंड राज्य की जो अलख जगाई वो निश्चित तौर पर मुकाम तक पहुंचेगी और बुंदेलखंड राज्य बनकर रहेगा। बुंदेलखंड मुक्ति मोर्चा के अजय शर्मा ने कहा कि शंकरलाल मेहरोत्रा जी ने बुंदेलखंड के लिए सर्वस्व समर्पित कर दिया अब हमें उनके सपनों को साकार करना है। दिनेश भार्गव ने कहा कि शंकर भैया ने जो पौधा रोपित किया वो आज वृक्ष का रूप ले रहा है। वरिष्ठ पत्रकार मोहन नेपाली ने कहा कि शंकरलाल मेहरोत्रा बुंदेलखंड की आवाज जीवन पर्यंत बने रहे। वरिष्ठ पत्रकार रामकुमार साहू ने शंकरलाल मेहरोत्रा के कई संस्मरण सुनाए और कहा कि बुंदेलखंड राज्य आंदोलन के पितामह शंकर भैया रहे हैं।

इस दौरान काव्य गोष्ठी में कवि राजकुमार अंजुम, बलराम सोनी विशिख, प्रगति शर्मा बया, पवन गुप्ता तूफान, ब्रजलता मिश्र आदि कवियों ने काव्यांजलि द्वारा श्रद्धा सुमन अर्पित किए । कवियों का शॉल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया गया। कार्यक्रम में डॉ. धन्नूलाल गौतम, बाबूलाल तिवारी, मुकुंद मेहरोत्रा, लोकेंद्र सिंह नागर, अरविन्द वशिष्ठ, सुरेंद्र सक्सेना, राजेन्द्र शर्मा, कुंवर बहादुर आदिम, वरिष्ठ पत्रकार शशांक त्रिपाठी, अनंजय नेपाली, अमित श्रीवास्तव, धर्मेन्द्र साहू, अरिंदम घोष आदि ने विचार व्यक्त किये।
अंत में आभार व्यक्त करते हुए शंकरलाल मेहरोत्रा के पौत्र संचित मेहरोत्रा ने कहा कि हमारे पूज्य दादा जी शंकर लाल मेहरोत्रा ने जो संस्कार हमें दिए हैं उसको जीवंत बनाये रखना हमारी नैतिक जिम्मेदारी हैं। उन्होंने कहा कि उनके मिशन को साकार करने में हम जी-जान से जुटेंगे । कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ समाजसेवी नीति शास्त्री ने किया और मेहरोत्रा परिवार के योगदान को सराहा।