झांसी। झांसी शिक्षा विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नरेश तिवारी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या के दौरान कुर्सी के गिरने की आहट मिलने के बाद मां नींद खुली तब इसकी जानकारी हुई। नरेश ने किन परिस्थितियों में मौत को गले लगाया स्पष्ट नहीं हो पाया है।

शहर कोतवाली अंतर्गत ड़डियापुरा में 40 वर्षीय नरेश तिवारी में अपनी पत्नी, दो बेटो और मां के साथ रहता था। छोटे भाई के प्रदीप के अनुसार वह दो भाई हैं, जिसमें नरेश बड़ा था। उनके पिता शिक्षा विभाग में थे। पिता की मौत के बाद उसके भाई नरेश को लगभग डेढ़ वर्ष पहले अनुकम्पा की नौकरी मिल गई। वह शिक्षा विभाग में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी थे।

मकर संक्रांति के पर्व पर नरेश अपनी पत्नी को मायके में छोड़ आया था। वह शराब पीने का आदी भी था और मानसिक रुप से बीमार भी रहते थे। जिसका इलाज लखनऊ में चल रहा था। रात्रि में खाना खाने के बाद नरेश अपने कमरे में सोने चला गया और मां अपने कमरें। रात्रि में मां जब कुर्सी गिरने की आहट मिली तो उसने उसके कमरे जाकर देखा। जहां कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था।

मां ने अनहोनी की आशंका होने पर जब दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया तो दरवाजा नहीं खुला तो उसने शोर मचाया। शोर सुनकर आस-पास के लोग एकत्रित हो गए और उन्होंने पत्थरों से दरवाजा तोड़ा। इसके बाद अंदर जाकर देखा तो नरेश फंदे पर लटक रहा था। यह देख इसकी सूचना थाने की पुलिस को दी गई और उन्हें फांसी से उतारा। इसके बाद उन्हें अस्पताल लाया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव को कब्जे में लिया और पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।