झांसी। झांसी में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति कराने वाले रैकेट के दो सदस्यों को झांसी पुलिस ने दबोच लिया है। हालांकि, फर्जीवाड़े के इस खेल का मास्टर माइंड अब भी पुलिस की गिरफ्तारी से दूर बना हुआ है।

पकड़े गए दोनों लोगों में से जीत नारायण मौर्य आजमगढ़ में विद्यालय का संचालन करता है। यह इस खेल के मास्टर माइंड से सीधे जुड़ा हुआ है। जबकि, दूसरा आरोपी कौशांबी निवासी कैसर अब्बास रिजवी प्राइवेट कॉलेजों में कमीशन लेकर बच्चों का एडमिशन कराने का काम करता था। वह जीत नारायण के संपर्क में आ गया था। यह दोनों शिक्षक बनवाने के नाम पर रकम वसूल कर अपना हिस्सा काटकर मास्टर माइंड को देते थे। पुलिस का कहना है कि इस खेल के मास्टर माइंड को भी जल्द दबोच लिया जाएगा। उसके भी तार आजमगढ़ से जुड़े हुए हैं।

पड़ताल में सामने आया है कि इस फर्जीवाड़े का ताना-बाना पिछले दो सालों से बुना जा रहा था। रैकेट के सदस्यों ने शिक्षक बनवाने के नाम पर छह लोगों से 78 लाख रुपये वसूले थे और बदले में फर्जी नियुक्ति जारी कर दिए थे। गौरतलब है कि झांसी जनपद के वीरा, खडौरा व बम्हौरी सुहागी के राजकीय स्कूलों में पिछले महीने फर्जी नियुक्ति पत्रों के सहारे पांच लोगों ने सहायक अध्यापकों के पद पर नियुक्ति हासिल कर ली थी। मामला उजागर हुआ तो पुलिस द्वारा पांचों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। इसके खुलासे के कुछ दिनों बाद एक और विद्यालय में शिक्षक का फर्जी नियुक्ति पत्र आया था, लेकिन तब तक मामला उजागर होने से तैनाती लेने कोई नहीं पहुंचा।

इधर, पुलिस फर्जीवाड़े के इस रैकेट में शामिल लोगों की तलाश में जुटी हुई है। इसी क्रम में सोमवार को गरौठा थाना पुलिस ने रैकेट के दो सदस्य आजमगढ़ के कस्बा देवगांव निवासी जीत नारायण मौर्या व कौशांबी के थाना करारी क्षेत्र के कैसर अब्बास रिजवी को गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों की मानें तो जांच पड़ताल में सामने आया कि रैकेट ने शिक्षक बनाने के नाम पर छह लोगों से 78 लाख रुपये वसूले गए थे। किसी से 12 तो किसी से 15 लाख रुपये लिए थे। जुलाई में झांसेबाजाें ने बताया था कि काम पक्का हो गया है। विभाग की ओर से नियुक्ति पत्र जारी कर दिए गए हैं। जबकि, रैकेट की ओर से कूटरचित नियुक्ति पत्र बनवाकर शिक्षा विभाग और विद्यालयों को भेज दिए गए थे, जो जांच में फर्जी पाए गए।