झांसी। हिमाचल में रिश्वत के मामले में पकड़े गई बुविवि की सह आचार्य कव्या दुबे समेत चार आरोपियों पर आगामी आदेशों तक किसी भी निरीक्षण के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। उधर, अदालत ने रिश्वत के आरोपियों को 20 जनवरी तक पुलिस रिमांड पर भेजा है। सभी आरोपियों से पूछताछ जारी है।

हिमाचल की विजिलेंस टीम द्वारा बीएड कालेजों को मान्यता दिलाने के नाम पर रिश्वत लेते पकड़ी गई बुविवि की सह आचार्य काव्या दुबे आदि आरोपियों को आगामी आदेशों तक किसी भी निरीक्षण के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। इसकी सूचना एनसीटीई के अफसरों ने संबंधित विविध/महाविद्यालय के प्रशासनिक अफसरों को पास भेज दी गई है। इधर, बुविवि के रजिस्ट्रार विनय सिंह का कहना है कि रिश्वत के मामले में काव्या दुबे के घर पर नोटिस चस्पा कर दिया है।
गौरतलब है कि हिमाचल विजिलेंस टीम ने गोपनीय सूचना के आधार पर कुछ दिन पूर्व कांगड़ा में एक होटल में छापा मारकर राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के दो अधिकारियों अलीगढ़ निवासी संजीव कुमार और झांसी निवासी काव्या दुबे को गिरफ्तार कर इनके पास से 11 लाख 48 हजार रुपए बरामद किया था। इसके अलावा टीम ने इंदौरा क्षेत्र में भी एनसीटीई के दो अधिकारी डॉ सीमा शर्मा निवासी भवानी नगर मेरठ और डॉ महेश प्रसाद निवासी शिवाजीनगर भोपाल को दो लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया गया था। हालांकि इंदौरा में पैसे लेते पकड़े दो आरोपियों में से डॉ महेश प्रसाद निवासी शिवाजी नगर भोपाल को इस लेन-देन की कोई जानकारी नहीं होने पर मामले से बाहर कर दिया गया था।

कांगड़ा में बीएड कॉलेजों को मान्यता देने के मामले में रिश्वत लेते पकड़ी गई काव्या दुबे राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के इंस्पेक्शन डिविजन के डिप्टी सेक्रेटरी ने एक नोटिस जारी कर अलीगढ़ निवासी संजीव कुमार, झांसी निवासी काव्या दुबे, मेरठ निवासी डॉ सीमा शर्मा और डॉ महेश शर्मा शिक्षकों को आगामी आदेशों तक किसी भी निरीक्षण के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। एनसीटीई की ओर से जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश में आठ कॉलेजों का निरीक्षण करने के लिए दो टीमों को नियुक्त किया गया था। जिनमें दो-दो सदस्य शामिल किए गए थे। यह सदस्य एनसीटीई के अधिकारी नहीं है, बल्कि वे देश भर के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से संबंधित संकायों को पढ़ा रहे हैं और निरीक्षण टीमों के पूल का हिस्सा थे, जिन्हें समय-समय पर शिक्षण संस्थानों का निरीक्षण करने का कार्य सौपां जाता था। जारी किए गए नोटिस में एनसीटीई का कहना है कि निरीक्षण टीम के सदस्यों को इस विश्वास के साथ कार्य सौंपा गया था कि वे हिमाचल के आठ संस्थानों का निरीक्षण स्वतंत्र, निष्पक्ष और तथ्यात्मक तरीके से करेंगे। लेकिन चारों सदस्यों ने एनसीटीई के विश्वास को तोड़ा है। इसके चलते इन चारों सदस्यों को तत्काल प्रभाव से अगले आदेशों तक आगे कोईभी निरीक्षण करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक पहली टीम के सदस्य संजीव निवासी अलीगढ़ व झांसी निवासी काव्या दुबे ने अपने हिस्से के चार कालेजों का निरीक्षण कर लिया था। संजीव व काव्या ने सभी कालेजों से पैसों की मांग की थी, लेकिन एक कालेज प्रबंधन ने पैसे देने से आनाकानी की थी। इंदौरा के संस्थान में पकड़ी गई डॉ सीमा शर्मा ने अब तक एक ही कालेज का निरीक्षण किया था। अभी तीन कालेजों का निरीक्षण और करना था।