– झांसी में दो माह पहले पकड़ा गया था लेखपाल

उरई। भ्रष्टाचार निरोधक शाखा झांसी परिक्षेत्र ने जिला उरई में घेराबंदी कर पांच हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों एक लेखपाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आरोपी लेखपाल ने वरासत दर्ज करने की एवज में पांच हजार रुपये की घूस मांगी थी।

दरअसल, उरई के कुसमिलिया गांव निवासी राजेंद्र कुमार राजपूत के पिता श्रीपत का एक साल पहले निधन हो चुका। इसके बाद उसने अपनी पुश्तैनी पांच एकड़ जमीन को वरासत में दर्ज कराने के लिए तहसील में ऑनलाइन आवेदन किया। तहसील उरई के कुसमिलिया इलाके में तैनात लेखपाल हरिशंकर निरंजन ने इसमें रिपोर्ट लगाने के एवज में राजेंद्र से 10 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। राजेंद्र ने रिश्वत देने में असमर्थता जताई लेकिन, लेखपाल बिना रुपए लिए काम करने को तैयार नहीं हुआ। काफी मान-मनौव्वल के बाद लेखपाल पांच हजार रुपये में काम करने पर राजी हुआ।
पीड़ित राजेंद्र ने 18 जनवरी को इसकी शिकायत एंटी करप्शन शाखा झांसी से की। शिकायत मिलने पर टीम ने पड़ताल शुरू की। प्रथम दृष्टया शिकायत सही मिलने के बाद टीम कार्रवाई करने के लिए गुरुवार सुबह उरई पहुंच गई। रिश्वत लेने के लिए लेखपाल ने राजेंद्र को उरई में जिला निर्वाचन कार्यालय के पास बुलाया। दोपहर करीब साढ़े बारह बजे एंटीकरप्शन शाखा निरीक्षक अंबरीश यादव, निरीक्षक सुरेंद्र सिंह, संजय कुमार समेत आठ सदस्यीय एंटी करप्शन टीम भी वहां पहुंच गई। टीम ने राजेंद्र को केमिकल लगे नोट पहले से दिए थे। जैसे ही राजेंद्र ने नोट लेखपाल को थमाए दस्ते ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया। मौके पर उसका हाथ पानी से धुलवाया गया। इसमें लेखपाल के हाथ से केमिकल का रंग छूटा। टीम लेखपाल को लेकर उरई कोतवाली पहुंची। यहां विधिक कार्रवाई के बाद उसे जेल भेज दिया गया।
इसके पूर्व झांसी में एंटी करप्शन टीम ने 29 नवंबर को टांकोरी के लेखपाल बद्रीप्रसाद दीक्षित को छह हजार रुपये की घूस की रकम के साथ उसके घर के पास से गिरफ्तार किया था। बद्रीप्रसाद भुक्तभोगी से दाखिल-खारिज करने की एवज में पैसों की मांग की थी। इसके अलावा वर्ष 2019 में थाना नवाबाद के जीवनशाह तिराहे के पास से एक लेखपाल पीयूष रिछारिया को भी गिरफ्तार कर चुकी है।