झांसी। कांग्रेस से हाल ही में इस्तीफा देने वाले पूर्व महानगर अध्यक्ष अरविंद वशिष्ठ ने आखिरकार सोमवार को अखिलेश यादव की सभा में समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है। वह टिकट न मिलने के चलते कांग्रेस पार्टी से नाराज थे। इनके साथ ही भाजपा से जिला पंचायत अध्यक्ष रही वंदना पाठक ने भी समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर ली। इन दोनों के समाजवादी पार्टी में शामिल होने से ब्राह्मण समाज का समाजवादी पार्टी को कितना लाभ मिलेगा यह भविष्य के गर्भ में है, किंतु कांग्रेस व भाजपा के नेता इन दोनों को बिना जनाधार वाले नेता बता रहे हैं ।

यूपी में विधनासभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए मतदान जारी है। इसी बीच झांसी में कांग्रेस को छोड़ने वाले पार्टी के पूर्व महानगर अध्यक्ष अरविंद विशष्ठ ने गुरसरांय में सपा प्रमुख अखिलेश यादव की जनसभा के दौरान समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है। गौरतलब है कि झांसी सदर सीट से टिकट न मिलने से नाराज होकर उन्होंने दो सप्ताह पहले कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी और राजनीति का सही गलियारा तलाश रहे थे।

अरविन्द ने कांग्रेस पर उपेक्षा और धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि 30 सालों से कांग्रेस से जुडे़ हुए थे, उनके पिता भी कांग्रेस में ही थे। पार्टी लगातार उनकी उपेक्षा कर रही थी। चाहें मेयर का चुनाव हो या फिर विधानसभा का, हर बार टिकट काटकर उनके साथ धोखा किया।

इसके अलावा गुरसराय सभा में भाजपा से जिला पंचायत अध्यक्ष रही वंदना पाठक ने भी समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर ली है। इन दोनो के समाजवादी पार्टी में शामिल होने से ब्राह्मण समाज का समाजवादी पार्टी को लाभ मिलेगा या नहीं का सवाल है।