झांसी। “बुंदेलखण्ड की प्रेमकथाऐं” , बुंदेलखण्ड के लोक में प्रचलित प्रेम कहानियों को पुस्तक के रूप में संकलित किया है इतिहासकार डा चित्रगुप्त ने। इन कहानियों में प्रेम, त्याग, समर्पण और राष्ट्रप्रेम भी है। बुंदेलखण्ड के विभिन्न नायक नायिकाओं की तकरीबन 30 कहानियों को डा चित्रगुप्त ने अपनी पुस्तक में जोङा है। द्वापर युगीन नल दमयंती की कथा से लेकर 1857 की क्रांति मे प्रेम को देश के लिए समर्पित करने वाले प्रेमी प्रेमिकाओं के जीवन पर लेखन इस किताब में किया गया है। चंदेल राजकुमारी दुर्गावती और मस्तानी के संघर्ष को संवाद रूप में लिखा गया है। कहानियों को तो हिंदी मे ही लिखा गया है लेकिन नायक नायिकाओं संवादों में बुंदेली का प्रयोग किया है। अपनी किताब के बारे में इतिहासकार डा चित्रगुप्त बताते हैं कि पुस्तक के माध्यम सै नयी पीढी को इन ऐतिहासिक बुंदेली चरित्रों से रूबरू कराना है, जिन्होंने देश और समाज के लिए अपने प्रेम को बलिदान किया है। यह पुस्तक अभी प्रकाशन में है, शीघ्र ही पाठकों को उपलब्ध होगी।